शूटर विजय चौधरी एनकाउंटर के गवाह पर हमला, लूट:मारे गए शूटर के भाई राकेश ने किया हमला

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(www.arya-tv.com)  प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में गत 24 फरवरी को हुए उमेश पाल शूटआउट में शामिल शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान के एनकाउंटर के गवाह नीरज शुक्ला पर मंगलवार देर रात जानलेवा हमला किया गया। हमला करने वाला कोई और नहीं बल्कि विजय चौधरी उर्फ उस्मान का भाई राकेश चौधरी और उसके साथी शामिल थे।

पुलिस के अनुसार बोलेरो से जा रहे नीरज शुक्ला की गाड़ी के सामने खड़े होकर राकेश तमंचे से फायर कर रहा था। उसी दौरान नीरज शुक्ला ने अपनी गाड़ी की स्पीड बढ़ाई। जिसकी वजह से राकेश चौधरी उनकी गाड़ी के चक्के में फंस गया और करीब 50 मीटर तक घिसट गया। जिससे गंभीर रूप से घायल हो गया। यह देख नीरज बोलेरो छोड़कर पैदल ही गांव की तरफ भाग निकले। पहले तो राकेश चौधरी के साथियों ने नीरज का पीछा किया, लेकिन जब राकेश चौधरी चिल्लाया तो उसके साथी भाग कर वापस आए और बोलेरो के चक्के में फंसे राकेश चौधरी को बाहर निकालकर उसी बोलेरी गाड़ी में लादकर उसे गौहनिया स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए।

वहां से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा रेफर कर दिया गया। दूसरी तरफ नीरज शुक्ला ने कौंधियारा पुलिस को सूचना दी। कौंधियारा पुलिस राकेश चौधरी और गायब बोलेरो को ढूंढने लगी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जसरा में राकेश चौधरी पुलिस को मिल गया तो वहां से रेफर कराकर उसे स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में ले जाकर भर्ती कराया। उसकी हालत गंभीर है। नीरज शुक्ला की बोलेरो गौहानिया ओवर ब्रिज के पास मिली है।

विजय चौधरी उर्फ उस्मान के एनकाउंटर में गवाह है नीरज शुक्ला
यमुनानगर के कौंधियारा थाना अंतर्गत भंभोखर गांव निवासी नीरज शुक्ला और उनका परिवार स्वयं का कारोबार करता है। नीरज शुक्ला मोबाइल के थोक सप्लायर हैं। इसके अलावा जेसीबी समेत अन्य कारोबार है। कौंधियारा बाजार और उनके घर भनोखर की दूरी तकरीबन 10 किलोमीटर है। 24 फरवरी को हुए उमेश पाल शूटआउट के बाद पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने इसमें शामिल विजय चौधरी उर्फ उस्मान को उसके गांव से 5 किलोमीटर दूर छह मार्च को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। इस एनकाउंटर में उसके घर वालों ने तमाम आरोप प्रत्यारोप लगाए थे। एनकाउंटर के बाद विजय चौधरी उर्फ उस्मान के अपराधिक रिकार्ड और चश्मदीदों की गवाह के रूप में भंभोखर गांव निवासी नीरज शुक्ला ने गवाही दी थी। तब से विजय चौधरी का परिवार उनसे खुन्नस खाया हुआ था।