प्रयागराज।(www.arya-tv.com) बेमौसम बारिश ने सिर पर खड़े माघ मेले की तैयारियों पर शुक्रवार को असर डाल दिया। तंबुओं में पानी भर गया। जहां रेत पाटकर दलदल सुखाने की मशक्कत की जा रही थी, वहां फिर से जलजमाव होने से दुश्वारियां बढ़ गईं। खाक चौक, दंडी स्वामी नगर, आचार्यबाड़ा समेत मेले केसभी पांचों सेक्टरों के मार्ग कीचड़ से सराबोर हो गए। इससे शिविरों को लगाने का काम प्रभावित रहा। बिजली व पेयजल सुविधाओं के विस्तार के काम भी प्रभावित हो गए। दलदल व कटान केचलते जहां मेला बसाने में पहले से कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था, वहीं हफ्ते भर पहले हुई बारिश ने माथे पर और भी बल डाल दिया है। पौष पूर्णिमा स्नान के साथ 10 जनवरी से मेला आरंभ होगा।
माघ मेले के लिए महावीर मार्ग स्थित गंगा पर बने पुल नंबर-एक के आसपास की खाली भूमि का बड़ा हिस्सा पहले से ही दलदल था। इसे रेत व मिट्टी से पाट कर समतल बनाने और बालू भरकर संस्थाओं को बसाने योग्य बनाने की कोशिशें की जा रही थीं, लेकिन बृहस्पतिवार की भोर में हुई बारिश के बाद वहां नए सिरे से पानी भर गया। इस पुल से लगे खाक चौक के तीसरे खालसे के महंत जितेंद्र दास शिविर निर्माण का कार्य अब तक आरंभ नहीं करा सके हैं। प्लाट नंबर-47 पर दलदल के साथ ही पानी भर गया है।
महंत जितेंद्र दास के मुताबिक बीते 23 दिसंबर को ही प्रभारी मेलाधिकारी ने वहां बालू पटवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन कर्मचारियों ने अनसुनी कर दी। वह कई साधु-संतों के साथ दिन भर प्रभारी मेलाधिकारी कैंप कार्यालय के बाहर बैठे रहे, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था। इसी तरह ओल्ड जीटी के उत्तर दंडीबाड़ा की ओर से बसाए जा रहे दंडी स्वामी नगर के भी शिविरों में पानी भरने से दुर्व्यवस्था फैल गई है। वहां भी कई प्लाटों में पानी भरा है। दलदल केचलते संत शिविर नहीं लगा पा रहे हैं।
सेक्टर पांच व चार में भी कमोबेश इसी तरह की स्थिति होने से अभी ज्यादातर संस्थाओं के शिविर नहीं लग सके हैं। मोरी मार्ग के अलावा त्रिवेणी मार्ग, अक्षयवट मार्ग, ओल्ड जीटी मार्ग समेत अन्य मार्ग कीचड़ से भर गए हैं। इन रास्तों पर दिन भर फिसलन के चलते लोग दो पहिया वाहनों गिरते रहे। संगम नोज पर भी दलदल की वजह से लोगों को जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ा। दंडीबाड़ा के महामंत्री स्वामी महेशाश्रम ने बताया कि दलद की वजह से अभी 80 फीसदी संस्थाओं के शिविर लगने बाकी हैं। पौष पूर्णिमा के प्रथम स्नान तक इस बार कल्पवासियों, संतों, भक्तों के शिविरों बसा पाना बड़ी चुनौती बन गया है।
माघ मेला आरंभ होने में अब सिर्फ हफ्ते भर शेष हैं। संतों, भक्तों और कल्पवासियों के आने का सिलसिला शुरू होने के बीच तैयारियां अधूरी पड़ी हैं। कटान के चलते टेढ़े हुए महावीर पांटून पुल को बृहस्पतिवार को तोड़ना पड़ा। इस पुल पर पिछे 24 घंटे के दौरान दर्जन भर से अधिक वाहनों के असंतुलित होकर गिरने के बाद यह कदम उठाया गया।
पीडब्यूडी के अभियंताओं के मुताबिक इस पुल में शनिवार को सात पीपे लगाए जाएंगे। उधर ओल्ड जीटी में भी कटान होने लगी है। वहां भी शनिवार को आवागमन रोका जा सकता है। त्रिवेणी पांटून पुल मेंअब तक 137 पीपे जोड़े जा चुके हैं। इस पुल पर अगल 24 घंटे में आवागन शुरू कराए जाने की उम्मीद है। उत्तर की ओर मेला विस्तार की वजह से मुख्य मेला मार्ग जहां 1.50 किमी तक बढ़ाया गया है, वहीं 35 नए गाटा मार्गों को भी काटना पड़ा है। पीडब्ल्यूडी मेला डिवीजन अब इन नए मार्गों को तैयार करने में जुट गया है।