राज्यसभा में प्रधानमंत्री के शामिल न होने पर राहुल गांधी ने साधा निसाना, बोले-यह संसद चलाने का तरीका नहीं है लोकतत्रं की दुर्भाग्यपूर्ण ​हत्या

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(www.arya-tv.com) राहुल गांधी आज संसद परिसर में 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के विरोध में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जहां भी विपक्ष ने अपनी आवाज उठाई है, वहां सांसदों को निलंबित कर दिया जाता है। जिस मुद्दे पर हम बहस करना चाहते हैं उनकी अनुमति नहीं दी जाती। तीन-चार मुद्दे हैं, जिनके नाम तक नहीं लिए जाते। प्रधानमंत्री सदन में 13 दिनों से नहीं आए हैं।

यह कोई तरीका नहीं लोकतंत्र चलाने का, लोकतंत्र की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या
ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र चलाने का। हम यहां प्रदर्शन कर रहे हैं ये सिंबल है लोकतंत्र का। निलंबित सांसदों की आवाज दबाई गई और वे इसके खिलाफ संसद के बाहर प्रदर्शन में बैठे हैं। हमें संसद में राष्ट्रीय हित के मुद्दों पर अपनी आवाज नहीं उठाने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हंगामे के बीच संसद में लगातार बिल पास हो रहे हैं। यह संसद चलाने का तरीका नहीं है। यह लोकतंत्र की दुर्भाग्यपूर्ण हत्या है।

विपक्षी पार्टियों ने किया प्रदर्शन और निकाला मार्च
राज्यसभा में सांसदों के निलंबन के खिलाफ आज विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने मार्च निकाला, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल थे। विपक्षी दलों ने गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च निकाला। इस दौरान मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। वहीं 12 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर विपक्ष की नारेबाजी के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

सदन के अंदर हम पिकनिक करने नहीं आते: अधीर रंजन
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पिछले सत्र में जो हुआ उसे इस सत्र में उठाया गया,जबकि इस सत्र में इसका कोई ताल्लुक नहीं है। सदन के अंदर हम पिकनिक करने नहीं आते हैं,सदन में हम आम लोगों का मुद्दा उठाने के लिए आते हैं। अरुण जेटली ने भी कहा था कि सदन को भंग करना भी लोकतंत्र का एक औजार है।