(www.arya-tv.com) माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला से भी बड़े 2.50 लाख रुपये के इनामी राघवेंद्र यादव को सजा दिलाने की पुलिस की कोशिश कोर्ट में धड़ाम हो गई। पुलिस उसे न तो गिरफ्तार कर सकी और न ही मजबूत पैरवी या साक्ष्य जुटाने काम ही सही से किया।इसी को आधार बनाते हुए कोर्ट ने उसे दोषमुक्त कर केस को ही खत्म कर दिया। पुलिस की इस हार की सबसे बड़ी वजह राघवेंद्र का अब तक न पकड़ा जाना ही है। पुलिस उसे भगोड़ा घोषित कर संदेह के आधार पर आरोपी बनाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी।
इसके अलावा केस में आरोपी बनाए गए राघवेंद्र के परिवार के बसंतलाल यादव, रामदरश यादव, सुदर्शन यादव, रामलखन यादव, शर्मा यादव, संतोष कुमार, रमाकांत यादव भी दोषमुक्त हो गए। अब भाई राममिलन यादव पूरे केस को लेकर हाईकोर्ट चले गए हैं। उनका कहना है कि उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं और वह हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती देंगे।
जानकारी के मुताबिक, झंगहा में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या में वांछित आरोपी व गैंगस्टर राघवेंद्र यादव पर 2.50 लाख रुपये का इनाम है। राघवेंद्र यादव ने अपने गांव सुगहा में सात जनवरी 2016 को दिनदहाड़े बलवंत (50) और उनके भतीजे कौशल (20) की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस केस में राघवेंद्र के साथ ही रामलखन को भी आरोपी बनाया गया था। इसी केस की पैरवी रिटायर्ड दरोगा जयहिंद यादव कर रहे थे। 10 अप्रैल 2018 को रिटायर्ड दरोगा अपने बेटे नागेंद्र के साथ कोर्ट की पैरवी करके घर लौट रहे थे। रास्ते में दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से राघवेंद्र फरार है।
पुलिस ने इस मामले में राघवेंद्र यादव के अलावा उसके परिवार के अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया। कोर्ट में आठ गवाहों को भी खड़ा किया गया, लेकिन किसी की गवाही से कोर्ट में यह नहीं साबित हो सका कि हत्या में राघवेंद्र और उसके परिवार का ही हाथ है।