कानपुर के हाउसिंग प्रोजेक्ट पर हाईकोर्ट का स्टे:अगली सुनवाई तक खरीद, निर्माण पर रोक

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(www.arya-tv.com)  कानपुर के जाजमऊ में चल रहे जेके ग्रुप और रितु हाउसिंग के एमराल्ड गुलिस्ता प्रोजेक्ट पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। स्वरूप नगर निवासी अजय सिंह ‘अज्जू’ फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी।

मुख्य न्यायाधीश की डबल बेंच ने मामले को 24 जुलाई को शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करते हुए अगली सुनवाई तक खरीद-फरोख्त और निर्माण पर रोक लगा दिया। इससे इस हाउसिंग से जुड़े निदेशक और प्लाट खरीदने वालों की बेचैनी बढ़ गई है।

फैक्ट्री की जमीन पर बसाई ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी
जाजमऊ में 98 एकड़ जमीन में यह हाउसिंग बसाई जा रही है। समाजसेवी अजय सिंह का कहना है कि यहां पर पहले फैक्ट्री थी। एक योजना के तहत यह जमीन लीज पर दी गई थी। फैक्ट्री बंद होने पर लीज होल्ड हो गई थी। लीज होल्ड जमीन सरकारी होती है। उस पर सरकार का हक होता है, लेकिन फिर भी इस जमीन पर हाउसिंग बसा दी गई। इसमें चारागाह और कब्रिस्तान की जमीन की जमीन को भी कब्जा कर हाउसिंग प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया।

3500 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट
अजय सिंह का कहना है कि यह 3500 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट है। उन्होंने जिलाधिकारी से लेकर सीएम तक शिकायत की, लेकिन हाउसिंग के जुड़े रसूख की वजह से कोई सुनवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने 2018 में प्रदेश सरकार समेत चार लोगों के खिलाफ जनहित याचिका दाखिल की थी।

हाईकोर्ट ने लगाया स्टे
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिनकर दिवाकर और न्यायाधीश आशुतोष श्रीवास्तव जे की बैंच ने जनहित याचिका को 24 जुलाई से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश देते हुए खरीद-फरोख्त और निर्माण में रोक (स्टे) लगा दी।

31 हजार रुपए में 98 एकड़ जमीन कर दी फ्री-होल्ड
इस हाउसिंग को बसाने के लिए हर कदम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। यह आरोप समाजसेवी अजय सिंह ने लगाया है। उनके मुताबिक 98 एकड़ की इस जमीन पर मात्र 31 हजार रुपए में ही फ्री-होल्ड कर दिया गया। यह कैसे और किसने किया, यह अभी तक पता नहीं चला है। सूचना के अधिकार से जानकारी भी मांगी गई, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया गया।