सुलतानपुर।(www.arya-tv.com) महामना पं.मदनमोहन मालवीय शिक्षा के महत्व को बखूबी समझते थे। उनका मानना था कि किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। अशिक्षित समाज जड़ता का प्रतीक है। वह कभी प्रगतिशील नहीं हो सकता। लोगों को शिक्षित बनाने की उनके अंदर तड़प थी। वह पत्रकार, राजनेता, समाजसेवी, चितक सभी रूप में देखे जाते थे।
उन्होंने वाराणसी में काशी हिदू विश्वविद्यालय की स्थापना कर पूरी दुनिया में राष्ट्र को अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर दिया। यह कहना था भाजपा के काशी क्षेत्र के उपाध्यक्ष रामचंद्र मिश्र का। वह मालवीय जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मालवीय त्याग के प्रतिमूर्ति थे। वह सदैव निराश्रित, गरीबों, मजलूमों की चिता करते थे। उनकी मदद के लिए आगे रहते थे। भारतीय संस्कृति के संवाहक थे।
उन्होंने देश की राजनीतिक व सांस्कृतिक एकता के लिए काम किया। पूर्व प्रमुख व वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामशब्द मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित गोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं ने महामना की तरह लोगों के शैक्षिक व सामाजिक उत्थान के लिए काम करने पर बल दिया। उनसे प्रेरणा लेने की बात कही गई। कार्यक्रम संयोजक व ब्राह्मण समाज के जिलाध्यक्ष अधिवक्ता सुभाष त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत किया। आए लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस दौरान डॉ.रमेश ओझा, भवानी प्रसाद मिश्र, सत्यनारायण तिवारी, पूर्व बार अध्यक्ष प्रेमशंकर शुक्ल, एडवोकेट एमपी त्रिपाठी, कृपाशंकर पांडेय, ओमप्रकाश मिश्र, धनंजय द्विवेदी, दिलीप मिश्र आदि ने महामना के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान जरूरतमंद 101 लोगों को मालवीय की स्मृति में कंबल वितरित किए गए।
