(www.arya-tv.com) विनोबा भावे के मागदर्शन में करीब 70 साल पहले बने सर्व सेवा संघ का भवन दो दिन में जमींदोज हो जाएगा। भारत की समाजिक क्रांति में अग्रणी योगदान देने वाले नेताओं की पुस्तकों का प्रकाशन अब रूक जाएगा। उत्तर रेलवे 30 जून को सर्व सेवा संघ के भवन पर बुलडोजर चलाने का ऐलान किया है।
राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ की 13 एकड़ जमीन को अवैध कब्जा बताया है। वहीं, वाराणसी के जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने भी जांच में बताया कि संघ के लोग जमीन से जुड़े पेपर देने में असमर्थ हो गए। पहले यह जमीन रेलवे के ही अंडर में थी।
वाराणसी सहित देश भर का साहित्यिक समाज उत्तर रेलवे के इस एक्शन से नाराज है। बताया जा रहा है कि आज प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। वहीं, गुरुवार से वाराणसी में दिल्ली यूनिवर्सिटी और JNU समेत कई विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों और रिटायर्ड साहित्यकारों की जुटान होगी। प्रो. आनंद कुमार और रघु ठाकुर भी वाराणसी पहुंच रहे हैं। सभी लोग संघ के भवन पर पहुंचकर रेलवे के खिलाफ आंदोलन करेंगे। बड़ी संख्या में BHU और JNU के छात्रों के आने की उम्मीद है।
सर्व सेवा संघ से इन 2 बिंदुओं पर जवाब मांगा गया था
- रेलवे की ओर से इस जमीन की बिक्री के संबंध में कोई पत्राचार हुआ तो उसकी कॉपी उपलब्ध कराई जाए।
- रेलवे की ओर से जारी अधिसूचना की कॉपी भी मांगी गई।
IGNCA को सौंपने का हुआ था विरोध
2 सप्ताह पहले वाराणसी के गांधी विद्या संस्थान की लाइब्रेरी राष्ट्रीय इंदिरा गांधी कला केंद्र (IGNCA) को सौंपे जाने का जोरदार विरोध हुआ था। सेवा संघ के लोगों का कहना है कि गांधी विद्या संस्थान को जेपी ने स्थापित किया था।
1962 में जय प्रकाश नारायण ने गांधी विचार और कार्यक्रमों का समाज पर होने वाले प्रभावों का अध्ययन करने के लिए इसे बनाया था। जय प्रकाश ने स्वयं यहां रह कर इसे गढ़ा था। यह बनारस की धरोहर है। इस पर अधिपत्य जमाना जेपी के प्रशंसकों को नागवार गुजर रहा है।