राष्ट्रपति-गवर्नर को पद पर रहते मिलती है सिविल-क्रिमिनल केस में गिरफ्तारी से छूट, जानें सीएम के लिए क्या हैं नियम

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(www.arya-tv.com) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तारी से पहले उनसे दो घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई. अरविंद केजरीवाल भारत के पहले ऐसे व्यक्तिक हैं, जो मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए गिरफ्तार किए गए. इससे पहले लालू यादव, जयललिता और हेमंत सोरेन जैसे नेताओं ने गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था.

राष्ट्रपति और राज्यपाल को है गिरफ्तारी से छूट

भारतीय संविधान में केवल राष्ट्रपति और राज्यपाल ही अपने पद पर बने रहने तक नागरिक और आपराधिक कार्यवाही से मुक्त होते हैं और इस पद पर रहते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. एक मुख्यमंत्री को इस तरह की कोई सुरक्षा प्राप्त नहीं है. यदि किसी जांच एजेंसी के पास कार्रवाई करने के पर्याप्त कारण हैं तो मुख्यमंत्री को भी गिरफ्तार किया जा सकता है.

  • संविधान के अनच्छेद-361 के तहत, नागरिक और आपराधिक दोनों मामलों में गिरफ्तारी से छूट केवल राष्ट्रपति और राज्यपालों को प्रदान की जाती है.
  • पद पर रहते हुए उन्हें आपराधिक मामलों में भी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता.
  • कोई भी कार्रवाई, यहां तक ​​कि आपराधिक भी, उनके पद छोड़ने के बाद ही शुरू की जा सकती है.

सीएम को गिरफ्तार करने के नियम

  • दंड प्रक्रिया संहिता 1973 (सीआरपीसी) के प्रावधानों के अनुसार, कानून प्रवर्तन एजेंसी किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है, जिसके खिलाफ कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया हो.
  • किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के मामले में, एजेंसियां ​​कुछ नियमों और प्रक्रियात्मक पहलुओं का पालन करते हुए आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती हैं.
  • उन्हें केवल तभी गिरफ्तार किया जा सकता है जब यह मानने का पर्याप्त कारण हो कि आरोपी फरार हो जाएगा, सबूत नष्ट करने की कोशिश करेगा या कानूनी प्रक्रिया से बचने का कोई कार्य करेगा.
  • एक मुख्यमंत्री या राज्य सरकार के प्रमुख के रूप में कानूनी रूप से एक सरकारी अधिकारी की क्षमता के तहत व्यवहार किया जाता है, जिसे अन्य आधारों पर गिरफ्तार किया जा सकता है, जो उनके आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के लिए प्रासंगिक नहीं हैं, क्योंकि मुख्यमंत्री के रूप में कर्तव्यों का पालन किया जाता है. भारत के संविधान, भारत संघ के कानूनों, नियमों और विनियमों के अनुसार निर्वहन किए गए हैं.