(www.Arya Tv .Com) रामलला 500 साल के इंतजार के बाद अयोध्या में अपने नये भव्य दिव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं. वहीं, प्रभु श्री राम को लोग अपने-अपने भाव से कुछ न कुछ अर्पित कर रहे हैं. इसमें लखनऊ की शिवानी जायसवाल भी शामिल हैं. उन्होंने रामलला के लिए एक अनोखी माला बनाई है. यह माला 1500 मीटर लंबी है, तो 25 किलो से ज्यादा इसका वजन है. खास बात यह है कि इस माला में 3 लाख मोतियों का इस्तेमाल किया गया है, जिनको केदारनाथ, बद्रीनाथ, जगन्नाथ पुरी, अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ ही देश के कोने-कोने की धार्मिक नगरी से लोगों ने भेजा है. इसके अलावा विदेश भी रामलला की माला के लिए मोती आए हैं.
शिवानी जायसवाल ने बताया कि इस माला को बनाने का काम करीब 8 महीने पहले शुरू किया था. पहले वह सिर्फ अपनी मोतियों द्वारा इसे बनाकर अर्पित करने की सोच रही थीं, लेकिन फिर लोगों तक इस मुहिम को चलाया, तो देश विदेश से लोगों ने मोती भेजना शुरू कर दिए. अब यह माला बनकर तैयार है.
एक-एक मोती पर लिखा है राम
शिवानी जायसवाल ने बताया कि उन्होंने लोगों से मोती पर राम लिखने के लिए कहा था, इसलिए भेजने वाले हर व्यक्ति ने मोती पर राम लिखा है. यही वजह है कि 1500 मीटर की माला के एक-एक मोती पर राम लिखा हुआ है. यह माला देखने में बेहद खूबसूरत और आकर्षित लग रही है. साथ ही बताया कि अयोध्या में प्रभु श्री राम को यह माला चढ़ाई जाएगी. 1 से 2 दिन के अंदर वह इस माला को लेकर अयोध्या के लिए रवाना होंगी. वह चाहती हैं कि यह माला जल्द से जल्द प्रभु श्री राम तक पहुंच जाए.
जानें कौन हैं शिवानी?
लखनऊ की रहने वाली शिवानी जायसवाल के पति मर्चेंट नेवी में हैं. इनकी दो बेटियां हैं. शिवानी जायसवाल खुद एक समाजसेविका हैं. इस माला को बनाने में काफी बड़ा खर्चा हुआ है, जिसे वह फिलहाल बताना नहीं चाहती हैं. उन्होंने कहा कि यह माला लोगों के भाव की है, इसीलिए इसकी कोई कीमत बताई नहीं जा सकती. इस माला का शुद्धिकरण जाने-माने पंडितों से कराया गया था, जो कि काफी खर्चीला था. शिवानी जायसवाल ने बताया कि इस माला को बनाने के लिए सबसे पहले एक अभियान चलाया और लोगों को जोड़ा. प्रचार प्रसार के लिए अपने आस पड़ोस के लोगों के साथ अयोध्या भी गई थी. वहीं, सोशल मीडिया पर भी रामलला के लिए अनोखी मोती माला बनाने के लिए मोती भेजने की मुहिम चलाई गयी थी. इसी वजह से देश-विदेश के लोगों ने मोती पर ‘राम’ लिखकर इस हमारे पास भेजा था.
मोती भेजने वालों में से कुछ की हो चुकी है मृत्यु
शिवानी जायसवाल के मुताबिक, अयोध्या में जाकर प्रभु श्री राम का दर्शन करने का भाव सभी का था, लेकिन कुछ लोग नहीं जा सके. उनमें से कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने अपने नाम से राम नाम लिखकर एक मोती माला के लिए भेजा था, लेकिन अब उनकी मृत्यु हो चुकी है. ऐसे में उनका भाव इस माला के रूप में प्रभु श्री राम तक जरूर पहुंचेगा.