राम की पैड़ी और रामकथा पार्क की सुरक्षा अर्धसैनिक बलों के हवाले, समारोह स्थल पर बिना पास नहीं मिलेगा प्रवेश

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दीपोत्सव के मुख्य समारोह राम की पैड़ी व राम कथा पार्क की सुरक्षा अर्ध सैनिक बल व एटीएस के हवाले की गई है, यहां सिर्फ पास धारकों को ही प्रवेश मिलेगा। एडीजी जोन सुजीत पांडेय गुरुवार को अयोध्या पहुंचे व सुरक्षा के लिए किए गए इंतजामों का निरीक्षण किया।

समारोह को लेकर तमाम वीआईपी के अलावा भारी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटकों के उमड़ने की संभावना है। इसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए जगह जगह बेरिकेडिंग की गई है। राम की पैड़ी से लेकर लता चौक होते हुए राम कथा पार्क व सरयू घाट पर बिना पासधारक को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरएएफ, सीआरपीएफ व एटीएस के हवाले की गई है। पूरे अयोध्या धाम क्षेत्र में लगे सीसीटीवी के माध्यम से चप्पे-चप्पे प नजर रखी जाएगी। इसके लिए ड्रोन कैमरों की भी मदद ली जाएगी। साकेत महाविद्यालय से लेकर लता चौक तक रामपथ के दोनों किनारे, फटपाथों पर पुलिस व पीएसी के जवानों को तैनात किया जा रहा है। सभी खुफिया इकाईयों समेत सादे कपड़ों में तैनात पुलिसकर्मी सभी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं। सुगम यातायात के लिए हाईवे व शहर में भी डायवर्जन लागू किया है। एडीजी जोन लखनऊ सुजीत पांडेय ने लता चौक, राम कथा पार्क व राम की पैड़ी समेत सरयू घाट व आरती स्थल का निरीक्षण किया। राम मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को परखा। उन्होंने यातायात पुलिस के अधिकारियों के साथ यातायात और भीड़ नियंत्रण के उपायों की समीक्षा भी की। निर्देश दिए कि दीपोत्सव के दौरान किसी भी स्तर पर सुरक्षा में चूक न हो। उनके साथ आईजी प्रवीण कुमार, एसपी सिटी चक्रपाणि त्रिपाठी, एसपी यातायात एपी सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

11 एआई कैमरों से होगी निगरानी

दीपोत्सव में पहली बार महाकुंभ के तर्ज पर एआई कैमरों से भी निगरानी की जाएगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए पूरे मेला क्षेत्र में 11 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कैमरे लगाए गए हैं। जिससे चारों तरफ से आने जाने वाले लोगों पर नजर रखी जाएगी। इससे संदिग्धों की भी पहचान होगी।

जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने बताया कि एआई कैमरे न केवल भीड़ का हेड काउंट करेंगे, बल्कि संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान भी करेंगे। अगर किसी क्षेत्र में भीड़ अधिक होती है, तो तुरंत इन कैमरों के जरिए अफसरों तक अलर्ट भेजा जाएगा। जिसके जरिए तुरंत भीड़ मैनेजमेंट कर लिया जाएगा। बताया कि कैमरों से प्राप्त आंकड़े प्रशासन के पास लाइव अपडेट के रूप में पहुंचेंगे। यह तकनीक सुरक्षा, अनुशासन और सुविधा तीनों सुनिश्चित करेगा।