पैराशूट कपड़े से बना 11 किलो का ध्वज फहराएंगे पीएम मोदी, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष बोले-सेना के जवान खीचेंगे डोर

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राम मंदिर में 25 नवंबर को पैराशूट कपड़े से बना 11 किलो का ध्वज पीएम मोदी द्वारा फहराया जाएगा। सेना के जवान इसकी डोर खीचेंगे। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने मंगलवार को बताया कि राम मंदिर ट्रस्ट सेना के एक्सपर्ट अधिकारियों के साथ समन्वय कर ध्वजारोहण के कार्यक्रम को क्रियान्वित किया जाएगा। ध्वज पर कोबेदार वृक्ष प्रदर्शित किया जाएगा। इसके साथ भगवान सूर्य का संकेत होगा।

उन्होंने कहा कि राम मंदिर के शिखर पर ध्वज लगाया जाना एक बड़ी चुनौती है। क्योंकि वह एक ऊंचाई पर जाएगा। शिखर पर आइकोनोग्राफी का कार्य किया गया। इसलिए पताका के साथ जाने वाला दंड 11 फिट का है और ध्वज की चौड़ाई 22 फिट है। इसलिए सेना के द्वारा शिखर पर ध्वज चढ़ाई जाने का रिहर्सल किया है। कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी के साथ-साथ आर्मी में बहुत सारे दिवस होते हैं। अधिकारियों और जवानों को ध्वजारोहण का बेहतर अनुभव है। इसलिए इनसे अनुरोध किया गया था। जिस पर अधिकारियों ने महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये हैं, जिस पर ट्रस्ट अमल करेगा,क्योंकि राम मंदिर का ध्वज पूरे विश्व की निगाह में होगा।

उन्होंने बताया कि ध्वज 11 किलो का है, जिसे पैराशूट के कपड़ों से तैयार किया जाएगा, क्योंकि ये बहुत ही मजबूत कपड़ा होता है। सेना के अधिकारी कपड़े का वजन और उसकी गुणवत्ता को लेकर दो दिन में अपनी

आमंत्रित लोग ही करेंगे रामलला के दर्शन

राम मंदिर में होने वाले ध्वजारोहण कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन नहीं प्राप्त हो सकेंगे। अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि 25 नवंबर को लगभग 8000 लोग आमंत्रित किए जा रहे हैं। आमंत्रित लोग ही रामलला के दर्शन कर सकेंगे, इसकी व्यवस्था की जा रही है। अगले दिन से श्रद्धालु दर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि आयोजन के बाद श्रद्धालु मंदिर परिसर के सभी स्थान के दर्शन कर सकें, इसके लिए ट्रस्ट विचार कर रहा है। पूरा प्रयास है कि यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए ही बनाया गया है। इसलिए दिसंबर के अंत तक सभी मंदिर और वाटिका खुला जाए। कहा कि कुबेर टीला और प्रथम तल पर रामदरबार के दर्शन लिये सीमित संख्या में ही श्रद्धालु जा सकेंगे। ट्रस्ट इस बात से अवगत है कि कार्य को पूरा कर श्रद्धालुओं को वहां पर लाया जा सके। कहा कि अब मंदिर के निर्माण का कार्य पूर्ण होने की और हैं। परकोटे के कॉरिडोर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है जिसमें न्यूरल लगाए जाने का कार्य किया जा रहा है यह कार्य 5 नवंबर तक संपन्न हो जाएगा।