क्या धांधली से हुआ लखनऊ विश्वविद्यालय के क्रिकेट टीम में खिलाड़ियों का चयन? हार के बाद भी बवाल जारी

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(www.Arya Tv .Com)   लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के क्रिकेट टीम की चयन प्रक्रिया में धांधली का आरोप कुछ खिलाड़ियों ने लगाया है. खिलाड़ियों का आरोप है कि 19 फरवरी को लखनऊ विश्वविद्यालय के क्रिकेट टीम में चयन के लिए ट्रायल हुआ. जिसकी कोई ठोस सूचना खिलाड़ियों को नहीं दी गई. साथ ही जिसमैदान में ट्रायल की बात कही जा रही है उस मैदान में क्रिकेट का सही इंफ्रास्ट्रक्चर भी नहीं था. ट्रायल में जिन लोगों को बतौर चयनकर्ता बुलाया गया वो भी चर्चित खिलाड़ी या क्रिकेट से जुड़े बड़े नाम नहीं थे. विवादों के बीच 20 फरवरी को ही टीम मैच खेलने के लिए कानपुर पहुंच गई है.

कहा जा रहा है कि इस ट्रायल के नाम पर बड़ा खेल किया गया है. दरअसल लखनऊ विश्वविद्यालय के ट्रायल को लेकर इसलिए सवाल उठा रहा है क्योंकि कहा जा रहा है कि खिलाडिय़ों को अंधेरे में रखा गया और बगैर कोई ठोस सूचना के लिए ये ट्रायल करा दिए गए.

क्या है खिलाड़ियों के आरोप?
कुछ खिलाड़ियों का आरोप है कि जिन खिलाड़ियों का चयन हुआ है उन लोगों ने फॉर्म तक नहीं भरा था . उन खिलाड़ियों से तत्काल फॉर्म लिया गया और टीम में चुन लिया गया और कानपुर भेज दिया गया. पिछली बार प्रदेश के दो नामचीन रणजी खिलाड़ियों ने ट्रायल लिया था और केडी सिंह बाबू स्टेडियम में बकायदा 3 दिनों का कैंप हुआ था. उसके बाद खिलाड़ी चयनित हुए थे. इस आरोप पत्र के बाद सोशल मीडिया समेत लखनऊ विश्वविद्यालय में हंगामा मचा हुआ है.

सिर्फ 18 खिलाड़ियों का चयन संभव
तेजी से वायरल हो रहे इस आरोप पत्र पर जब लखनऊ विश्वविद्यालय एथलीट संगठन के अध्यक्ष रूपेश कुमार ने बताया कि यह पत्र निराधार है. इसमें जरा भी दम नहीं है. 100 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस थी वही लिया गया है. इनका आरोप है कि इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है तो हमारा ग्राउंड है. ग्राउंड में पूरी सुविधाएं हैं. उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय नहीं है. 183 खिलाड़ियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था. टीम में सिर्फ 18 खिलाड़ियों का चयन संभव था. जिन लोगों को टीम में जगह नहीं मिली उन्हीं में से कुछ ने ऐसे आरोप लगाकर पत्र को वायरल किया है.
रूपेश कुमार ने बताया कि चयन के लिए संगठन ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थी और 10 दिन पहले ही हम लोगों ने प्रक्रिया स्टार्ट कर दिया था. टीम कानपुर जाकर वापस भी आ चुकी है .20 फरवरी को मैच था और यह टीम वापस भी आ गई है. इस मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा.

खिलाड़ियों ने कही ये बातें 
आरोप लगाने वाले खिलाड़ियों से जब बात की गई तो ओमप्रकाश मिश्रा ने बताया कि इस पत्र में लगाए गए आरोपों को लखनऊ विश्वविद्यालय एथलीट संगठन के अध्यक्ष रूपेश कुमार निराधार बता रहे हैं. यह पूरी तरह से गलत है क्योंकि इस पत्र में लगाए गए सभी आप एकदम सही हैं. हमारे साथ अन्याय हुआ है. हमें न्याय चाहिए. हमें लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति पर पूरा भरोसा है कि वहां से जांच करेंगे. वही पीड़ित खिलाड़ी अर्जुन ने बताया कि उन्हें न्याय चाहिए, चयन प्रक्रिया पूरी तरह से गलत हुई है. खिलाड़ी चंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि वह भी चयन प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं.