40 हजार सैलरी पर रखे युवा; जानिए, क्यों गढ़े ‘सिर तन से जुदा’ जैसे नारे

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(www.arya-tv.com)  16 साल का PFI यानि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया। विस्तार 23 राज्यों तक। दावा- सोशल वर्क का, लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों की रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस संगठन का हत्या से लेकर दंगों तक नाम आया। 5 दिन पहले NIA और ED ने मिलकर 11 राज्यों में छापेमारी की। इसमें 106 लोग गिरफ्तार हुए। पूछताछ में इनसे लिंक के आधार पर मंगलवार सुबह से 8 राज्यों में NIA ने लोकल पुलिस को लेकर फिर से एक्शन लिया है। अब तक 150 से ज्यादा लोग पकड़े जा चुके हैं। छापेमारी चल रही है।

हर राज्य का मिशन अलग, पर सब एक दूसरे से कनेक्ट
NIA की छापेमारी में मिले दस्तावेजों और संदिग्ध लोगों से पूछताछ में यह जानकारी मिली है कि हर राज्य के लिए PFI का एक अलग मिशन था, लेकिन ट्रेनिंग लेकर आए लड़कों को हर मिशन से कनेक्ट करके रखा गया था। मध्य प्रदेश में एक हजार से ज्यादा युवाओं, प्रोफेशनल्स और ग्रेजुएट को देश विरोधी लिखित और इंटरनेट की सामग्री तैयार करने की ट्रेनिंग दी गई और राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश में काम करने के लिए कहा गया। बिहार के पूर्णिया में हथियार चलाने और कराटे का प्रशिक्षण दिया गया।

1. बिहार में हथियार-फंडिंग के लिए नेपाल बॉर्डर का इस्तेमाल
बिहार में पटना के फुलवारी शरीफ के PFI के दफ्तर में NIA और ED की छापेमारी हुई। यहां से मिले दस्तावेजों से पता चला कि भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की साजिश रची जा रही थी। नेपाल बॉर्डर के आसपास के इलाकों को ट्रेनिंग के चुना गया था। बॉर्डर का इस्तेमाल फंडिंग और हथियारों के लिए किए जा रहा था। ED और NIA की अभी जांच चल रही है।

2. राजस्थान को बनाया आतंक का सॉफ्ट टारगेट, ‘सिर तन से जुदा’ का मॉड्यूल शुरू किया

राजस्थान में युवाओं को हिंसा फैलाने, हिंदू समर्थकों या मजहब के खिलाफ बोलने वालों को सबक सिखाने की ट्रेनिंग दी गई। इन्हें काम सौंपा गया कि हत्या या हिंसा के बाद सिर तन से जुदा के नारे लगाकर, वीडियो जारी करके, पत्र लिखकर या फोन से धमकी देकर दहशत फैलाएं।

NIA ने कोटा और बारां से कई संदिग्धों को हिरासत में लिया। बारां से सादिक हुसैन नाम के शख्स को हिरासत में लिया गया। सादिक हुसैन SDPI का जिला सचिव है। उससे पूछताछ हुई, तो अजमेर के ब्यावर और सरवाड़ में बड़े नेटवर्क का पता चला। उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड में PFI के शामिल होने की बात भी सामने आई। सिर तन से जुदा करने के एजेंडे के तहत ही हत्या की गई और वीडियो जारी किया गया।

3. मध्य प्रदेश को बनाया ट्रेनिंग सेंटर, पढ़े-लिखे युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया
मध्य प्रदेश को ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। उज्जैन और इंदौर से गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में पता चला कि देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के लिए युवाओं 40 हजार तक की सैलरी में प्रोफेशनल्स और ग्रेजुएट को भर्ती किया गया।

NIA और MP ATS ने इंदौर और उज्जैन से PFI के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अब्दुल करीम बेकरी वाला निवासी इंदौर PFI का प्रदेश अध्यक्ष है, अब्दुल खालिद निवासी इंदौर PFI का जनरल सेक्रेटरी है, मोहम्मद जावेद निवासी इंदौर PFI का प्रदेश कोषाध्यक्ष है, जमील शेख निवासी उज्जैन PFI का प्रदेश सचिव है। इनके पास से बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, देश विरोधी दस्तावेज और डिजिटल दस्तावेज बरामद हुए। मध्य प्रदेश के 25 जिलों में इनका नेटवर्क है। इसमें 5 जिले श्योपुर, बुरहानपुर, इंदौर, उज्जैन, खंडवा जिले हॉट स्पॉट हैं। हिंसा फैलाने में मुख्य साजिशकर्ता इमरान मीटिंग और ट्रेनिंग करवाता था।

4. UP में 5 मुद्दों पर हिंसा भड़काने की कोशिश, धर्म के नाम पर उकसाया
UP में संदेश फैलाया गया कि मथुरा और ज्ञानवापी में अयोध्या जैसी हार न हो सके। इससे पहले, नूपुर शर्मा विवाद के बाद जुमे पर हिंसा भड़काने के लिए उकसाया गया। छापेमारी में मिले दस्तावेजों से इस बात की जानकारी मिली है।

PFI के खिलाफ लखनऊ की स्पेशल MP-MLA कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हुई। चार्जशीट में CFI के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतिकुर रहमान, CFI दिल्ली के महासचिव मसूद अहमद, पत्रकार सिद्धिकी कप्पन और मोहम्मद आलम के नाम शामिल थे। साजिश रचने की CFI के राष्ट्रीय महासचिव केए राउफ शरीफ ने तैयार की थी। 8 और संदिग्ध हिरासत में लिए गए। पूछताछ में पता चला कि UP में हाथरस कांड, हिजाब विवाद, किसान आंदोलन, जुमा हिंसा, CAA-NRC आंदोलन में हिंसा भड़काने का काम किया गया।

UP में गिरफ्तार संदिग्ध लोगों के परिवार और गांव के लोगों से पूछताछ में पता चला कि UP समेत पड़ोस के 4 राज्यों में इस संगठन का मकसद सिर्फ माहौल बिगाड़ने की कोशिश रहा है।