देहरादून से 16 सालों पहले हुआ था लापता, मोनू से राजू बना शख्स ऐसे पहुंचा घर

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(www.arya-tv.com)ये बात तो आप ने जरूर सुनी होगी कि बुरे वक्त में काम आने वाला व्यक्ति, भगवान से कम नहीं होता है. इस बात को एक ट्रक ड्राइवर से सच साबित कर दिया है. ऐसा हम इसलिए कह रहें हैं क्योंकि नौ वर्ष की आयु उत्तराखंड के देहरादून से एक युवक का अपहरण हुआ था. अपहरण के बाद युवक को अपहरण कर अपहरणकर्ता राजस्थान के सुदूर गांव में लेकर चलें गए और वहां पिछले 16 सालों से बकरियां चरवाते थें.

युवक ने ट्रक ड्राइवर को आपबीती सुनाई. जिसके बाद ट्रक ड्राइवर बकरियों के बीच में युवक को छुपाकर दिल्ली ले आया और फिर यहां से देहरादून वाली ट्रेन में बैठकर भेज दिया. देहरादून पहुंचने के बाद युवक पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पुलिस से मदद मांगी, जिसके बाद पूरा घटनाक्रम मीडिया में प्रकाशित हुआ तो युवक की मां आशा शर्मा पत्नी कपिल देव ने खबर को पढ़ने के बाद पुलिस मुख्यालय पहुच गई. आशा शर्मा ने पुलिस को बताया कि युवक उनका बेटा हैं, ये 2008 में लापता हुआ था.
साल 2008 में हुआ था लापता
2008 में मोनू अपने घर के बाहर आंगन में खेल रहा था. इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने मोनू का अपहरण कर ले गए, और मोनू बेहोश हो गया. जब मोनू को होश आया तो उसने खुद को अनजान जगह पाया, जहां अपहरणकर्ता ने मोनू का नाम बदलकर राजू रख दिया.  फिर राजू से बकरियां चरवाने लगें, जब बकरी चराने को राजू मना करता था तो उसका शारीरिक शोषण किया जाता था.

राजू ने कई बार भागने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा. पिछले महीने जब देहरादून का एक ट्रक ड्राइवर बकरी लेने के लिए वहां पहुंचा तो राजू ने अपनी आपबीती सुनाई. जिसके बाद ट्रक ड्राइवर बकरियों के बीच में छुपाकर राजू को दिल्ली ले आया और वहां से देहरादून वाली ट्रेन में बैठकर भेज दिया. पिछले सप्ताह मोनू उर्फ राजू ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पुलिस के आलाधिकारियों को आपबीती सुनाई  और मदद की गुहार लगाई.

मोनू के मिलने पर क्या बोली पुलिस?
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि एक ट्रक ड्राइवर मोनू को राजस्थान से दिल्ली ले आया और दिल्ली से देहरादून वाली ट्रेन में बैठकर एक कागज पर पुलिस से सम्पर्क कैसे करें इसकी जानकारी दी थी. देहरादून पहुंचने के बाद मोनू ने शहर के पुलिस मुख्यालय से सम्पर्क किया और आपबीती सुनाकर मदद मांगी थीं. पुलिस ने स्थानीय पुलिस थानों और समाचार पत्रों में मोनू की तस्वीर और उसकी जानकारी प्रकाशित कराई थीं.

पुलिस द्वारा प्रकाशित जानकारी को अखबार में देखने के बाद ब्राह्मणवाला क्षेत्र की रहने वालीं आशा शर्मा पत्नी कपिल शर्मा ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर मोनू से बातचीत की तो मोनू ने अपने बचपन से जुड़ी कुछ बातें बताईं. जिसके बाद आशा शर्मा ने मोनू की पहचान अपने लापता बेटे के रूप में की. मोनू के परिजनों ने बताया कि 2008 में मोनू के लापता होने के बाद उत्तराखंड के साथ साथ आसपास के राज्यों में मोनू की खोजबीन की थी, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला था. लेकिन 16 साल बाद अचानक ही हमारा बेटा वापस आ गया, ये हमारे लिए खुश की बात हैं.