(www.Arya Tv .Com) प्यार में चोट खाए एक आशिक ने गजब कारनामा कर डाला. 15 साल पहले जिस लड़की से प्यार करता था. उसी के नाम वाले एक अस्पताल को बम से उड़ने की धमकी दे डाली. पुलिस को जैसे ही धमकी भरे फ़ोन की जानकारी मिली, पुलिस के हाथ पांव फूल गए. बिना देरी किए पुलिस अस्पताल में पहुंची और मॉक ड्रिल के नाम पर पूरी रात भर चेकिंग अभियान चलाया, लेकिन बम की सूचना केवल अफवाह मात्र निकली. जब अफवाह फैलाने वाले फोन कॉल को ट्रेस किया गया, तो पूरा मामला कुछ और ही निकला.
पूरा मामला शनिवार शाम का है. जब थाना हरी पर्वत पुलिस को सूचना मिली कि पुष्पांजलि हॉस्पिटल को किसी ने बम से उड़ाने की धमकी दी है. मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभालते हुए मॉक ड्रिल का बहाना बनाकर पूरे अस्पताल में सर्च अभियान चलाया. सर्च अभियान के दौरान किसी भी तरह की कोई भगदड़ ना मचे, इसका पुलिस ने पूरा ख्याल रखा. क्योंकि अस्पताल में बड़ी संख्या में मरीज भर्ती थे. किसी भी समय बम की सूचना से भगदड़ और माहौल बिगड़ सकता था. सर्च अभियान में बम की सूचना झूठी निकली.
15 साल पहले युवक करता था एक लड़की से एक तरफ़ा प्रेम
जब पुलिस ने कॉल करने वाले नंबर को ट्रेस किया और लोकेशन निकाली तो अलीगढ़ के इगलास के रहने वाले मुकेश का नंबर निकला. पूछताछ करने पर मुकेश ने बताया कि वह 15 साल पहले एक पुष्पांजलि नाम की लड़की से प्यार करता था. लड़की ने उसका प्यार अपनाया नहीं, तो वह उससे नफरत करने लगा. शनिवार को जब उसने पुष्पांजलि हॉस्पिटल का बोर्ड देखा तो उसे अपनी माशूका की याद आ गई जिससे वह नफरत करता था. इसके बाद शराब पीकर उसने बोर्ड पर दिए गए नंबर पर फोन किया और कहा कि वह पुष्पांजलि अस्पताल को बम से उड़ा देगा.
मानसिक रूप से बीमार है मुकेश
आगरा डीपी सिटी सूरज राज ने बताया कि मुकेश नाम के व्यक्ति ने अस्पताल को बम से उड़ाने की अफवाह फैलाई थी. वह व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है और उसका इलाज आगरा के एक डॉक्टर के पास चल रहा है. पूछताछ में उसने बताया कि वह अपनी माशूका से नफरत करता था और जैसे ही अपनी माशूका का मिलता जुलता नाम बोर्ड पर देखा तो वह गुस्से में आग बबूला हो गया. व्यक्ति ने अस्पताल के बोर्ड से नंबर लेकर अस्पताल को उड़ाने की धमकी दी. हालांकि थाना हरी पर्वत इंस्पेक्टर आलोक सिंह ने तत्परता से स्थिति को संभालकर और बिना किसी पैनिक के पूरे अस्पताल में सर्च अभियान चला कर कंफर्म किया कि कोई बम नहीं है. इस काम के लिए थाना हरी पर्वत पुलिस को ₹10000 का इनाम भी दिया जा रहा है, तो वहीं व्यक्ति को परिवार वालों के हवाले कर दिया है.