उप्र पंचायत चुनाव के मद्देनजर फाइनल वोटर तैयार करना भी चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। दरअसल, लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर चल रहे एसआईआर के बीच अधिकांश जिलों में सूची फाइनल करने का काम ढीला चल रहा है। वहीं, इस सूची से डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटाना भी बड़ी समस्या है।
विपक्षी दल बिहार का उदाहरण देकर डुप्लीकेट
मतदाताओं के नाम पर सही वोटर्स के नाम हटाने का भी आरोप मढ़ रहे हैं। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग के बार-बार दिशा निर्देशों के बावजूद जिलों में अधिकारी पंचायत चुनाव की मतदाता सूची से डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम बाहर करने और नए मतदाताओं के नाम जोड़ने के कार्य में ढुलमुल रवैयार अख्तियार कर रहे हैं। ऐसे में जहां मतदाता सूची का विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण का काम चल रहा है, पंचायत चुनाव की सूची के कार्य में अब और देरी हो रही है। इस देरी के चलते अप्रैल-मई में पंचायत चुनाव कराना बड़ी चुनौती होगी।
राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अब वोटर लिस्ट जारी करने की अंतिम तारीख बढ़ाकर छह फरवरी तक कर दी गई है। पहले यह तारीख 15 जनवरी तक निर्धारित की गई थी। आयोग की ओर से जो संशोधित कार्यक्रम जारी किया गया है, उसके अनुसार अब ड्राफ्ट मतदाता सूची 23 दिसंबर को जारी होगी। पहले इसे 5 दिसंबर को जारी किया जाना था। यही नहीं मतदाता सूची पर दावे व आपत्तियों का निस्तारण 31 दिसंबर से 6 जनवरी तक किया जाएगा। पहले यह कार्य 13 से 19 दिसंबर के बीच किया जाना था।
निर्देश के बावजूद कार्य धीमा
पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में 12.43 करोड़ मतदाताओं के नाम हैं। पूर्व में डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम लिस्ट से बाहर करने के लिए अगस्त में ही राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से सभी जिलों को पत्र भेजा गया था, लेकिन अभी तक यह काम नहीं हुआ। कुल 90.76 लाख मतदाताओं के नाम दो या तीन-तीन बार होने के कारण 2.27 करोड़ डुप्लीकेट मतदाता दर्ज हैं। सूची को ठीक करने का कार्य धीमी गति से चल रहा है।
