(www.arya-tv.com) रविवार को फिलिस्तीन समर्थक रैली में सैकड़ों लोगों ने एक हवाई अड्डे पर हमला करने की कोशिश की, जहां अमेरिकी सैनिक रहते हैं. भीड़ को रोकने के लिए तुर्की पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया. इससे कुछ घंटे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन गाजा संकट पर वार्ता के लिए अंकारा आने वाले थे. तुर्की ने गाजा में मानवीय संकट बदतर होने के कारण इजरायल की आलोचना तेज कर दी है. फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास का समर्थन करने के साथ ही तुर्की दो आजाद देशों के समाधान के पक्ष में है. इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से पूरे तुर्की में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
इस हफ्ते की शुरुआत में एक इस्लामिक तुर्की सहायता एजेंसी ह्यूमैनिटेरियन रिलीफ फाउंडेशन ने गाजा पर इजरायली हमलों और अमेरिकी समर्थन का विरोध करने के लिए दक्षिणी तुर्की के अदाना प्रांत में इंसर्लिक हवाई अड्डे पर एक प्रदर्शन का आयोजन किया. इंसर्लिक एयरपोर्ट का उपयोग सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट से लड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय गठबंधन का समर्थन करने के लिए किया गया है. इसमें अमेरिकी सैनिक मौजूद भी हैं. आईएचएच के विरोध प्रदर्शन में इंसर्लिक को बंद करने की अपील की गई
विरोध प्रदर्शन के फुटेज में पुलिस को तुर्की और फिलिस्तीनी झंडे लहराते और नारे लगाती भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ते और पानी की बौछारें करते हुए दिखाया गया. प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स गिरा दिए और पुलिस से भिड़ गए. प्रदर्शनकारियों को पुलिस पर प्लास्टिक की कुर्सियां, पत्थर और अन्य सामान फेंकते हुए भी देखा गया. भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई. आईएचएच के अध्यक्ष बुलेंट यिल्डिरिम ने अदाना में भीड़ को संबोधित किया और उनसे पुलिस पर हमला करने से परहेज करने की अपील की.
उन्होंने कहा कि ‘दोस्तों, पत्थर फेंकना या ऐसी ही चीजें करना गलत है क्योंकि पुलिस और सैनिक दोनों गाजा जाकर लड़ना चाहेंगे और समय आने पर वे जाएंगे. हमारा गुस्सा बहुत बड़ा है. हम इसे रोक नहीं सकते. लेकिन तुर्की वही कर रहा है जो वह कर सकता है.’ पुलिस के साथ झड़प के कारण संगठन ने अपनी रैली योजना से पहले ही खत्म कर दी. यह रैली सोमवार को तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान के साथ गाजा पर बातचीत के लिए ब्लिंकन के अंकारा पहुंचने की उम्मीद से कुछ घंटे पहले हुई है. तुर्की के इजरायल के समर्थन को लेकर पश्चिमी देशों की बार-बार आलोचना के बाद यह रैली हुई है.