www.arya-tv.com)पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान ने वादा किया था कि देश को विदेशी कर्जे से आजाद करा कर रियासत- ए- मदीना बना देंगे। अब 3 साल बाद कर्ज खत्म होना तो दूर की बात, देश चलाने को पैसे नहीं है। हालात ऐसे हैं कि PM इमरान खान खुद यह बात लोगों से कह रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान की सबसे बड़ी समस्या यह है कि देश पैसे की कमी से जूझ रहा है। इस वजह से पाकिस्तान को कर्जा लेना पड़ रहा है। इस बयान के बाद उनके वादे पर सवाल उठना शुरु हो गया है। इमरान ने टैक्स रिवेन्यू में कमी को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताया है।
पाकिस्तान निवेश नहीं कर पा रहा
इमरान ने कहा कि खर्च ज्यादा होने की वजह से पाकिस्तान निवेश नहीं कर पा रहा है। इस वजह से देश का विकास नहीं हो पा रहा है। पिछले दिनों IMF ने पाकिस्तान को 6 अरब डॉलर का लोन देने से इनकार कर दिया था । IMF को मनाने के लिए इमरान सरकार ने बिजली और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी इजाफा किया, लेकिन इस कदम से भी IMF संतुष्ट नहीं हुआ। IMF से कर्ज नहीं मिलने के बाद PM इमरान को चीन या खाड़ी देशों से लोन लेना पड़ेगा।
IMF की दखलंदाजीप र फंसा मामला
IMF ने पिछले महीने ही यह 5 शर्तें पाकिस्तान सरकार के सामने रखी थीं। इनमें से 2 शर्ते बिजली और पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने की थी। बाकी 3 मांगें- स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान संशोधन बिल लाना, टैक्स छूट रद्द करना और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को सरकारी दखलंदाजी से मुक्त करना हैं।
दिक्कत यह है कि इमरान सरकार को ये तीनों ही शर्तें पूरी करने के लिए संसद के पास जाना होगा। विपक्ष के सहयोग के बिना ये बिल पास नहीं हो सकते। सरकार अगर ऑर्डिनेंस के जरिए ये कोशिश करती है तो इसमें भी 6 महीने लगेंगे। तब तक पैसा कहां से आएगा।