(www.arya-tv.com) पाकिस्तान के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं हैं। आए दिन वह किसी न किसी देश के सामने भिखारियों की तरह झोलियां फैलाता रहता है। जिस वजह से हर बार उसकी किरकिरी होती है। एक बार फिर से IMF से लोन की 6वीं किश्त जारी होने पर पाक सरकार की किरकिरी हो रही है। इस बार कोई और नहीं बल्कि खुद वहां की जनता ही सरकार को लोन लेने पर आड़े हाथों ले रही है।
वित्त मंत्री शौकत तारिन ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की
दरअसल, IMF से ऋण की एक नई किश्त जारी होने के बाद पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तारिन ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की थी लेकिन उन्हें ट्वीटर पर लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। ‘इस्लाम खबर’ ने दावा किया कि फायनेंस मैनेजमेंट और देश को चलाने के लिए विदेशी फंडों पर अधिक निर्भरता के कारण सरकार में जनता का विश्वास बहुत निचले स्तर पर चला गया है। ताजा फंड 6 बिलियन अमरीकी डालर के बेलआउट पैकेज की एक किस्त का हिस्सा है। IMF के कार्यकारी बोर्ड ने 3 जुलाई, 2019 को पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी थी।
देश को गुलाम बनाकर IMF से नई किस्त मिलने पर खुशी जाहिर की
एक रिपोर्ट में कहा गया कि ‘यह आश्चर्यजनक ही नहीं बल्कि खेदजनक भी है कि वित्त मंत्री ने देश को गुलाम बनाकर IMF से नई किस्त मिलने पर खुशी जाहिर की है।” पाकिस्तान में एक मीडिया संपादकीय लेख में लिखा गया कि “पाकिस्तान शायद एकमात्र ऐसा परमाणु देश है जिसे अपने हर दिन के खर्च के लिए लोन की आवश्यकता पड़ती है, हर दिन सहायता के लिए भीख माँगता है और ऐसा दशकों से हो रहा है।”
खैरात बांटने के मामले में भी पीछे नहीं हटता
दूसरे देशों के सामने भीख मांगने वाला पाकिस्तान दूसरे देशों को खैरात बांटने के मामले में भी पीछे नहीं हटता। हाल ही में आर्थिक आपातकाल से गुजर रही श्रीलंका सरकार को इमरान सरकार ने 20 करोड़ डॉलर कर्ज देने का ऐलान किया था। जो किसी को हजम नहीं हुआ।
वजह भी साफ है। खुद पाकिस्तान पर करीब अरबों डॉलर का कर्ज है। महीनों नाक रगड़कर वह खुद दूसरे देशों से लोन लेकर गुजारा चलाता है। पिछली चीन यात्रा के दौरान भी इमरान ने 3 अरब डॉलर का लोन की गुहार लगाई थी। दिसंबर में उन्होंने सऊदी अरब से 3 अरब डॉलर का कैश रिजर्व हासिल किया था।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 से 12 रूपये का उछाल आया था
पिछले सप्ताह पाकिस्तान में एक साथ पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 से 12 रूपये का उछाल आया था। जिसके चलते लोगों को मजबूरन करीब 160 रुपए लीटर पेट्रोल और नॉर्मल डीजल 124 रुपए प्रति लीटर लेना पड़ा। क्योंकि IMF ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर का लोन दिया था। इसके लिए इमरान सरकार को 6 महीने तक मशक्कत करनी पड़ी थी। IMF की शर्तों में साफ तौर पर कहा गया था कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और बिजली के दाम बढ़ाने होंगे। इसके पहले जनवरी में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के रेट करीब 4 रुपए लीटर बढ़ाए गए थे।