(www.arya-tv.com) पाकिस्तान की आर्थिक बदहाली का असर उसकी सेना पर पड़ रहा है। यूरेशियन टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेना ने फ्यूल की कमी होने की वजह से अगले 5 महीने यानी दिसंबर तक कोई भी मिलिट्री ड्रिल नहीं करने का फैसला किया है। मिलिट्री ट्रेनिंग के डायरेक्टर जनरल ने इसे लेकर सभी विभागों को एक लेटर जारी किया है।
इसमें सैन्य अभ्यास टालने की मेन वजह ‘रिजर्व फ्यूल’ की कमी बताई गई है। दरअसल, रिजर्व फ्यूल सेना के रूटीन कामों के लिए सुरक्षित रखा जाता है। ये वॉर रिजर्व से अलग होता है। वॉर रिजर्व जंग लड़ने के लिए सुरक्षित रखा गया फ्यूल होता है।
पाक सैन्य अभ्यास में करता है T-80 टैंक्स का इस्तेमाल
मिलिट्री एक्सपर्ट और भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल दनवीर सिंह के मुताबिक पाकिस्तान सैन्य अभ्यास के लिए T-80 टैंक काफी इस्तेमाल में लाता है। जो प्रति किलोमीटर 2 लीटर फ्यूल का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में सैन्य अभ्यास के लिए सेना को काफी फ्यूल की जरूरत पड़ती है।
पाकिस्तान की लगातार खराब होती अर्थव्यवस्था के बीच सेना के लिए फ्यूल हासिल करना मुश्किल होता जा रहा है। जुलाई में पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल की कीमतें 260 रुपए प्रति लीटर पार कर चुकी हैं।
पाक ने यूक्रेन से खरीदे थे T-80 टैंक
एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास 2,467 बैटल टैंक्स हैं। भारत ने जब रूस के T-90 टैंक्स खरीदे तो उनके काउंटर के लिए पाकिस्तान ने 1996 में इनका डीजल वर्जन T-80UD यूक्रेन से खरीदा था। टैंक्स की टेस्टिंग के बाद यूक्रेन से ऐसे 320 टैंक्स खरीदे थे।
कर्नल दनवीर सिंह के मुताबिक पाकिस्तान ही नहीं भारतीय सेना को भी 1990 के दशक आर्थिक तंगी के चलते में फ्यूल की कमी हुई थी। इससे निपटने के लिए सेना ने 2 साल तक मिलिट्री एक्सर्साइज के लिए बैटल टैंक्स की बजाए ट्रक का इस्तेमाल किया था।
पाक की सेना खाने की कमी की शिकायत कर चुकी
सिर्फ फ्यूल ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की सेना ने साल की शुरुआत में खाने की कमी की भी शिकायत की थी। कई फील्ड कमांडरों ने क्वार्टर मास्टर जनरल को लेटर लिखे थे। यूरेशियन टाइम्स के मुताबिक पिछले साल पाकिस्तान की आर्मी ने फंड की कमी के चलते अपने सैनिकों को हर शुक्रवार मिलिट्री व्हीकल का इस्तेमाल न करने की सलाह दी थी। सेना ने अपने कमांडरों से बिजली और गैस का इस्तेमाल कम करने को भी कहा था।