यूपी पावर कॉर्पोरेशन की बिजली बिल राहत योजना में जहां वर्षों से बिल न भरने वाले उपभोक्ताओं को राहत मिल रही है, वहीं मार्च-25 के बाद किश्त जमा करने वाले उपभोक्ताओं के लिए यह योजना सिरदर्द बन गई है। ऑनलाइन सिस्टम ऐसे उपभोक्ताओं का पंजीकरण स्वीकार हीं नहीं कर रहा, जिसके चलते राजधानी के कई बिजली शिविरों और कार्यालयों में बुधवार को जमकर हंगामा और नोकझोंक देखने को मिली।
प्रबंधन की जारी किए गए नियमों के अनुसार, राहत योजना में सिर्फ वे उपभोक्ता शामिल किए जा रहे है, जिन्होंने मार्च-25 से पहले कोई भुगतान नहीं किया था। ऐसे उपभोक्ताओं का सौ प्रतिशत ब्याज और मूलधन का 25% माफ किया जा रहा है। मगर जिन बकायेदारों ने मार्च के बाद यानी अप्रैल, मई, जून, जुलाई में बिल की एक भी किश्त जमा कर दी, उनका पंजीकरण ऑनलाइन सिस्टम रिजेक्ट कर रहा है। इससे हजारों उपभोक्ता राहत से वंचित हो रहे हैं।
शहर के राजाजीपुरम, दुबग्गा, माल, बीकेटी, अमेठी सहित कई केंद्रों पर उपभोक्ता सुबह से पंजीकरण कराने पहुंचे। लेकिन जैसे ही 2,000 रुपये शुल्क के साथ दिए गए पंजीकरण आवेदन को ऑनलाइन सिस्टम में डाला गया, वह स्वीकार ही नहीं हुआ। वहीं कर्मियों को भी योजना की तकनीकी शर्तों और सिस्टम अपडेट की उचित जानकारी न होने के कारण उपभोक्ता और कर्मचारी के बीच नोकझोंक बढ़ती गई।
कई स्थानों पर हंगामे के कारण पंजीकरण कार्य ठप करना पड़ा। कर्मचारियों के अनुसार योजना में बदलाव और पंजीकरण संबंधी नियमों के बारे में दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए। इससे उपभोक्ताओं को भी सही जानकारी नहीं मिल पा रही और भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
समस्या के बाबत लेसा जानकीपुरम जोन के मुख्य अभियंता वीपी सिंह ने बताया कि जिन बकायेदारों ने मार्च-25 के बाद एक भी किश्त जमा कर दी है, उनका पंजीकरण सिस्टम स्वीकार नहीं कर रहा। इस समस्या की जानकारी उच्च प्रबंधन को भेज दी गई है। उम्मीद है कि कॉर्पोरेशन जल्द ही इस मुद्दे पर निर्णय लेकर एक साफ निर्देश जारी करेगा, जिससे प्रभावित उपभोक्ताओं को राहत मिल सकेगी।
