इन दिनों देश में कुत्तों के पालन रखरखाव को लेकर चर्चाओं का दौर तेज है. इसी बीच वाराणसी नगर निगम की तरफ से भी जनपद में कुत्तों के पंजीकरण अथवा रखरखाव संबंधित विषयों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की गई. इस दौरान जनपद में अधिकांश कुत्तों का पंजीकरण नहीं हुआ है जिसके बाद नगर निगम ने सख्त रुख अपनाते हुए इन जानवरों का पालन पोषण करने वालों को दो महीने का वक्त दिया है.
2 महीने में कराना होगा पंजीकरण
एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी नगर निगम में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें जनपद में कुत्तों के काटने से बढ़ती घटनाओं और उनके रखरखाव संबंधित विषयों को लेकर चर्चा हुई. इस चर्चा के दौरान यह बातें सामने आई कि करीब 5000 कुत्तों को यहां पर घरों में पाला जाता है जिसमें से करीब 250 कुत्तों का पंजीकरण हुआ है जबकि 4700 से अधिक कुत्तों का अभी भी पंजीकरण नहीं हुआ है. इस मामले में नगर निगम ने दो महीने का वक्त दिया है. अगर इसके अंतराल में इन जानवरों का रखरखाव करने वाले लोग पंजीकरण नहीं करा पाते हैं तो जानकारी मिलने पर उन पर जुर्माना लगाया जाएगा.
ना बढ़े संख्या, इसलिए भी होगा रोकथाम
इसके अलावा वाराणसी के बड़ालालपुर स्थित एक केंद्र पर आवारा पशु तथा पालतू कुत्तों का नसबंदी भी किया जाएगा. जिससे उनकी संख्या निर्धारित रहे. हालांकि अब देखना होगा कि आने वाले समय में कुत्तों के पालन पोषण से संबंधित विषय को लेकर लोग अपने घरों में कितना जागरूक रहते हैं. लेकिन वाराणसी नगर निगम ने अपने रुख से स्पष्ट कर दिया है कि अगर लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो उन्हें कुत्तों के रख रखाव के लिए अधिक कीमत चुकानी होगी.