.पॉश इलाके में ऑनलाइन सट्‌टा:सीधे मुंबई से जुड़ा है कारोबार, 10 के दांव पर मिलते हैं 100 रुपए

Prayagraj Zone

(www.arya-tv.com)संगम नगरी प्रयागराज में सट्‌टे का कारोबार इन दिनों चरम पर है। शहर के सबसे पॉश इलाकों में से एक सिविल लाइंस के बलईपुर रेलवे कालोनी में चल रहे इस सट्‌टे में सटोरियों का मजमा लगता है। जो सुबह आठ बजे से शुरू होता है और शाम को तक चलता रहता है। जिसमें तमाम लोग दांव लगाते हैं। हैरानी की बात यह है कि सीओ कार्यालय और सिविल लाइंस कोतवाली से 500 कदम की दूरी पर चल रहे जुए के इस अवैध कारोबार की पुलिस को भनक तक नहीं है। कारण इस रिहायशी इलाके में पुलिस का अमूमन उधर आना जाना कम ही हो पाता है।

आनलाइन गेम में नंबर खुलने पर मिलता है 10 का 100

बलईपुर रेलवे कालोनी में चलने वाले सट्‌टे में नंबर का गेम होता है। ताश के पत्तों में इक्का से लेकर नहला तक के 10 से 20-25 यहां तक कि 50-50 नंबर बुक करते हैं। रजिस्टर लेकर बैठा एक शख्स सिर्फ रजिस्टर पर उनके लाटरी के बुक किए गए नंबर नोट करता है और पैसे लेता है। जानकारों का कहना है यह अवैध कारोबार सीधे मुंबई से संचालित होता है। हर घंटे यहां पर नंबर खुलता है। जिसका नंबर खुलता है, उसे 10 का 100 मिलता है, जिसका नहीं खुलता उसका 10 रुपए डूब जाता है।

साथियों की गिरफ्तारी के बाद बदला ठिकाना

सिविल लाइंस में पहले संगम पैलेस के पास सट्‌टे का खेल चलता था। इसकी भनक पुलिस को लगी तो आठ दिन पहले पुलिस ने छापा मारकर मौके से आकाश कुमार निवासी नवाब यूसुफ रोड, सिविल लाइंस, अमित कुमार निवासी नेवादा, कैंट, उदय प्रताप सिंह निवासी लूकरगंज, निहाल कुमार निवासी राजापुर, कैंट, सोनू निवासी नवाब यूसुफ रोड सिविल लाइंस को गिरफ्तार किया था। इनके पास से 8700 रुपए नकद, बाइक, पांच मोबाइल, आठ एटीएएम कार्ड बरामद किया गया था। पूछताछ में यह भी पता चला था कि सट्‌टा खेलाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की कमाई प्रतिदिन की 5000 से 10000 रूपए हैं।

हिस्ट्रीशीटर साथी संग चला रहा सट्‌टे का अवैध कारोबार

पुलिस की दबिश के बाद सटोरियो ने अपना ठिकाना बदल दिया। संगम पैलेसे से हटकर अब वह बलईपुर रेलवे कालोनी में चले गए। जहां धड़ल्ले से आनलाइन सट्‌टा चल रहा है। जानकारों की माने तो इसमें छोटे तबके के लोग तो सीधे हाथ में नकद रुपए देकर लाटरी का नंबर अपने नाम एलाट कराते हैं। लेकिन कई ऐसे लोग भी है जो सीधे ऑनलाइन भी दांव लगाते हैं। वो लोग ऑनलाइन पैसा लगाते हैं।

आनलाइन उन्हें नंबर खुलने की जानकारी वॉट्सऐप या अन्य माध्यम से जानकारी दी जाती है और फिर ऑनलाइन ही डिजिटल पेमेंट किया जाता है। जिसमें पूरा गिरोह काम करता है। सिविल लाइंस में संचालित होने वाले सट्‌टा कारोबार का संचालन सिविल लाइंस थाने का हिस्ट्रीशीटर राधे मोहन करता है। जिसके साथ गोलू नाम का एक शख्स भी शामिल है

गरीब तबके के लोग गवां दे रहे गाढ़ी कमाई, हो जा रहे कर्जदार

सट्‌टा के ऑनलाइन गेम में ज्यादातर मजदूर, ई-रिक्शा चालक, रिक्शा चालक, पल्लेदार एवं छोटे-मोटे रोजगार करके परिवार का भरण पोषण करने वाले लोग शामिल होते हैं, जो अपनी मेहनत की कमाई इसमें सिर्फ इस लालच में लगाते हैं। अगर किस्मत ने साथ दिया तो चंद घंटे में वह 100-200 रुपए लगाकर 1000-2000 रुपए कमा लेंगे। कई बार कमाते भी हैं, लेकिन कई बार अपनी मेहनत की कमाई गवां भी देते हैं। इसकाें लेकर वह कर्जदार भी बन जाते हैं, क्योंकि जानकारों का दावा है कि कई लोगों को तो सट्टा खेलने की ऐसी लत लगी है कि वह कर्ज लेकर दांव लगाते हैं और हार जाते हैं। फिर भी उनकी यह लत न तो छूटती है और न कम होती है।

ठिकाना बदल रहे सटोरियों को पकड़ने की चल रही है कोशिश

इंस्पेक्टर सिविल लाइंस रवींद्र प्रताप सिंह का कहना है कि सटोरियों पर पुलिस की निगाह है। पिछले हफ्ते दबिश देकर पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनका सरगना भाग गया था। अब पता चला है कि सटोरियों ने ठिकाना बदल दिया है। एकाध बार पुलिस गई लेकिन वहां कोई मिला नहीं। जल्द ही इन्हें पकड़ लिया जाएगा।