बिजली विभाग की एकतरफा बात,ग्रामीणों की कर रहे जेब ढीली, थमा रहे भारी भरकम बिल

Prayagraj Zone UP

प्रयागराज।(www.arya-tv.com) एक तरफ बिजली विभाग उपभोक्ताओं को राहत देने की बात कहता है, वहीं दूसरी तरफ उनकी जेब ढीली करने में लगा है। गंगापार और यमुनापार में तो बिजली के बिल को लेकर हाहाकार मच गया है। कई गांवों में छह माह बाद रीडिंग हुई और भारी भरकम बिल उपभोक्ताओं को दे दिया गया।

इस बिल ने इन छह माह में हुए भुगतान की कटौती भी नहीं की गई है। अब उपभोक्ता पुरानी रसीद और नया बिजली का बिल लेकर अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं। जुलाई माह में बड़ी संख्या में ग्रामीण इलाकों में बिजली विभाग ने मीटर लगवाया।

मीटर लगाने के बाद अधिकांश ग्रामीणों को रसीद भी नहीं दी गई। ग्रामीण प्रत्येक माह पांच सौ लेकर एक हजार का भुगतान भी करते थे। हालांकि, ये भुगतान रीडिंग से नहीं हो रहे थे, क्योंकि रीडिंग करने बिजली विभाग का कोई कर्मचारी उपभोक्ताओं के यहां पहुंच ही नहीं रहा था।

पिछले दिनों यूपीपीसीएल के चेयरमैन अरविंद कुमार ने इसे लेकर अफसरों को जमकर फटकार लगाई थी और इसी के बाद अधिकारियों की नींद टूटी। उन्होंने मीटर रीडिंग कर बिजली का बिल बनाने का निर्देश दिया। रीडर उपभोक्ताओं के घर पहुंचे और रीडिंग के मुताबिक बिजली का बिल बनाकर दे दिया।

किसी का नौ तो किसी का 11 हजार से अधिक का बिजली का बिल आया था। करछना के लखरावां में करीब दो हजार घरों में आठ माह पूर्व मीटर लगाए गए। लेकिन मीटर से घरों का कनेक्शन नहीं दिया गया। अब रीडिंग यहां पहुंचकर लोगों को अपने तरीके से बिजली का बिल दे रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि मीटर चला नहीं और बिजली का बिल थमा दिया गया है। समस्या का निस्तारण न होने पर उपभोक्ताओं ने अब लखनऊ में बैठे मंत्री और अधिकारियों से शिकायत करनी शुरू कर दी है। कई उपभोक्ताओं ने जनसुनवाई केंद्र, ऊर्जा मंत्री, यूपीपीसीएल के चेयरमैन और पूर्वांचल विद्युत निगम लिमिटेड के एमडी को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। साफ कहा गया है कि विभाग की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।