संक्रमण पर एक रोक प्लाज्मा थेरेपी, एसएन कॉलेज में हुई पहली सुविधा उपलब्ध

Agra Zone UP

आगरा।(www.arya-tv.com) ताजनगरी में कोरोना वायरस से लोग लगातार संक्रमित होते जा रहे थे पर अब प्लाज्मा थेरेपी से इसपर रोक लग सकती है।  बढ़ते संक्रमण के बीच एक अच्‍छी खबर ये आई है कि एसएन मेडिकल कॉलेज में प्‍लाज्‍मा थैरेपी की सुविधा उपलब्‍ध हो गई है। इसके साथ ही आगरा का एसएन प्रदेश में ऐसा पहला मेडिकल कॉलेज बन गया है, जहां ये सुविधा मुहैया हुई है। इससे पहले शुक्रवार रात आई रिपोर्ट के मुताबिक 17 केस दिनभर में सामने आने कुल कोरोना संक्रमित अब 1374 हो चुके हैं।

इससे पहले गुरुवार रात को 16 नए केस सामने आए थे। राहत ये है कि मृतक संख्‍या 91 पर ही टिकी है। वहीं शुक्रवार को 16 लोग और ठीक होकर घर लौटेे हैं, अब स्‍वस्‍थ होने वालों की संख्‍या 1115 हो चुकी है। वर्तमान में 168 एक्टिव केस शहर में हैं। आगरा में अब तक 28921 लोगों के सैम्पल लिए जा चुके हैं, इनमें से गुरुवार तक 28294 लोगों के सैंपल हुए थे। स्‍वस्‍थ होने की दर 81.15 फीसद पर आ गई है। नए केसों के सामने आने से वर्तमान में कंटेनमेंट जोन बढ़कर 83 हो गए हैंं, जो गुरुवार तक 76 थे।

एसएन मेडिकल कॉलेज में पहली प्लाज्मा थैरेपी सफल रही, प्लाज्मा चढाने के बाद मरीज की आक्सीजन मांग 50 फीसद कम हो गई है। इस तरह एसएन प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना संक्रमित गंभीर मरीज का इलाज करने वाला प्रदेश का पहला राजकीय मेडिकल कॉलेज हो गया है।

हलवाई की बगीची निवासी 51 साल के कोरोना संक्रमित मरीज को आठ जुलाई को एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। इन्हें निमोनिया, रेस्परेट्री फेल्योर के साथ ही मधुमेह की समस्या थी। इसी दिन एसएन को इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च आइसीएमआर से प्लाज्मा थैरेपी से इलाज करने की अनुमति मिल गई। सांस उखडने पर 5 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन पर रखा गया। प्लाज्मा थैरेपी से इलाज करने के लिए एबी ब्लड ग्रुप के कोरोना को मात दे चुके दो लोगों की तलाश की गई।

एसएन की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ नीतू चौहान ने धाकरान चौराहा निवासी देव धाकरे और घटिया आजम खां निवासी क्रष्ण कुमार से संपर्क किया गया। इन दोनों ने नोएडा में प्लाज्मा डोनेट किया। मेडिसिन विभाग के डॉ अजीत चाहर ने नौ और 10 जुलाई को प्लाज्मा थैरेपी की दो डोज दी। प्लाज्मा थैरेपी की दो डोज का कोर्स पूरा होने के बाद 51 साल के मरीज सही होने लगे हैं। उनकी आक्सीजन की मांग 5 फीसद से कम होकर 2 फीसद रह गई है। पहले उनकी सांस उखड रही थी, अब वे आइसोलेशन वार्ड में पैदल चल पा रहे हैं।

कोरोना को मात दे चुके लोग प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं, 450 एमएल प्लाज्मा डोनेट कराया जाता है। हर मरीज को दो यूनिट प्लाज्मा दिया जाता है, मरीज का जो ब्लड ग्रुप है उसी ब्लड ग्रुप का प्लाज्मा चढाया जाता है। ऐसे में एक मरीज के लिए दो डोनर की जरूरत होती है। मगर, आगरा में अभी तक छह लोगों ने ही प्लाज्मा डोनेट किया है जबकि 1115 मरीज ठीक हो चुके हैं।

एसएन मेडिकल कॉलेज प्लाज्मा थैरेपी से कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज करने वाला प्रदेश का पहला राजकीय मेडिकल कॉलेज है। थैरेपी के बाद मरीज की तबीयत में सुधार हुआ है। कोरोना से ठीक हो चुके मरीज प्लाज्मा डोनेट करें, जिससे अधिक से अधिक मरीजों की जान बचाई जा सके। यह एसएन की टीम के लिए बडी उपलब्धि है।