मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी दोनों आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. ये दोनों अक्सर सुर्खियां बटोरते रहते हैं, लेकिन दोनों में एक बड़ा अंतर है. एक तरफ जहां मुकेश अंबानी अपने कारोबार के विस्तार, बढ़ते नेटवर्थ को लेकर चर्चा में रहते हैं. वहीं, अनिल अंबानी कभी संपत्ति में गिरावट, तो कभी कानूनी पचड़ों के लिए खबरों में रहते है, लेकिन एक वक्त ऐसा भी था, जब छोटा भाई अनिल बड़े भाई मुकेश से आगे था.
कभी दुनिया के छठे सबसे अमीर आदमी थे अनिल अंबानी
साल 2000 के दशक के अंत तक अनिल अंबानी दुनिया के छठे सबसे अमीर आदमी थे. 2005 से 2006 के बीच जब दोनों भाइयों के बीच प्रॉपर्टी और बिजनेस का बंटवारा हुआ, तब अनिल अंबानी के पास मुकेश से ज्यादा संपत्ति थी. 2008 में उनका नेटवर्थ 42 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई, लेकिन पिछले दो दशकों में उनकी कंपनी पर या तो कानूनी कार्रवाई हुई या कंपनी दिवालिया होने के कगार तक पहुंच गई. बात यहां तक पहुंच गई कि कुछ कंपनियों का कर्ज भरने के लिए उन्हें संपत्ति भी बेचनी पड़ी. इससे उनकी कंपनी के शेयर गिरने लगे.
एक के बाद एक हुआ नुकसान
साल 2005 में जब बंटवारा हुआ, तो मुकेश अंबानी के हिस्से में रिलायंस इंडस्ट्रीज, पैट्रोकैमिकल्स का कारोबार, इंडियन पेट्रोल कैमिकल्स कॉर्प लिमिटेड, रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड जैसी कंपनियां आईं. जबकि अनिल अंबानी के हाथ आरकॉम, रिलायंस कैपिटल, रिलायंस एनर्जी, रिलायंस नेचुरल रिसोर्सेज जैसी कंपनियां लगीं.
उनके ग्रुप में आने वाली कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) 2019 तक दिवालिया हो गई, रिलायंस पावर भी कभी 20,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज में डूब गई, भारी कर्ज में डूबी रिलायंस पावर भी 2021 में दिवालिया हो गई. रिलायंस एंटरटेनमेंट के तहत Adlabs और DreamWorks ने भी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया.
इससे उनका फाइनेंशियल कंडीशन बिगड़ने लगा. 2012 में उनकी संपत्ति को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ. हालांकि, हाल के सालों में उनके कारोबार में काफी सुधार होते देखा गया. इसके चलते 2025 की शुरुआत तक उनकी कुल संपत्ति 530 मिलियन अमेरिकी डॉलर या लगभग 4,563 करोड़ रुपये हो जाएगी.