फिर एक बार गांव के लड़के ने दुनिया में बढ़ाया भारत का मान

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(www.arya-tv.com) किसी गांव का एक ऐसा लड़का जिसे कोई नहीं जानता था लेकिन उसकी कड़ी मेहनत ने आज पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना ली है। मैं बात कर रहा हूं स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा की उसने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 में गोल्ड मेडल जीतना आसान नहीं रहा. इसके पीछे उनकी सालों की मेहनत है.

भारत के स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया. नीरज ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2023 के फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया. फाइनल में 12 एथलीट्स शामिल हुए. इसमें नीरज टॉप पर रहे. नीरज के गोल्ड जीतने के बाद उनकी काफी तारीफ हो रही है. नीरज के लिए गोल्ड मेडल जीतना आसान नहीं रही. उनकी सफलता के पीछे कड़ी मेहनत है.

नीरज की सफलता के पीछे उनकी मेहनत के साथ-साथ उन्हें ट्रेनिंग देने वाले कोच की भी अहम भूमिका रही है. नीरज बचपन से ही खेल को लेकर दिलचस्पी रखते थे. इंडिया टुडे की एक खबर के मुताबिक उनकी शुरुआती ट्रेनिंग जयवीर सिंह के अंडर में हुई. उनकी कोचिंग की वजह से नीरज में काफी सुधार हुआ. वे खेल को लेकर और ज्यादा इंस्पायर हुए.

नीरज ने 14 साल की उम्र में नसीम अहमद के अंडर ट्रेनिंग ली. वे पंचकुला के ताउ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स पहुंचे. यहां उन्होंने काफी मेहनत की. नीरज ने यहां खेल के साथ-साथ बायोमैकेनिजम पर काम किया.

नीरज ने 2016 में वर्ल्ड अंडर20 चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. यह पोलैंड में आयोजित हुई थी. नीरज ने 86.48 मीटर की दूरी तक जैवलिन थ्रो किया था. इस दौरान उन्हें गैरी कालवर्ट ने कोचिंग दी थी. कालवर्ट ऑस्ट्रेलिया के हैं. नीरज की कोचिंग में अस्टिटेंट कोच काशीनाथ नाइक की भी भूमिका रही.

नीरज के मौजूदा कोच क्लॉस बार्टोनिएट्ज़ हैं. नीरज ने इनके साथ काफी काम किया है. दिलचस्प बात यह है कि एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने बार्टोनिएट्ज़ का कार्यकाल पेरिस ओलंपिक 2024 तक बढ़ा दिया है.