दुनिया भर में जारी संघर्ष पर बोले मोदी, “यह युद्ध का युग नहीं”

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अभिषेक राय

(www.arya-tv.com)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साइप्रस के निकोसिया स्थित राष्ट्रपति भवन में आधिकारिक स्वागत किया गया। साइप्रस गणराज्य के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी दो दिवसीय साइप्रस की आधिकारिक यात्रा पर हैं। यह दो दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस की पहली यात्रा है। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने निकोसिया में राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलाइड्स से बातचीत की। यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, भूमध्यसागरीय क्षेत्र और यूरोपीय संघ के साथ भारत के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दिखाती है।
साइप्रस के राष्ट्रपति के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्षों पर चिंता व्यक्त की। हमारा मानना है कि यह युद्ध का युग नहीं है। प्रधानमंत्री ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने के लिए साइप्रस का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत-साइप्रस-ग्रीस साझेदारी शुरू की गई है। भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि यह दो दशकों से अधिक के अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की साइप्रस यात्रा है। यह आपसी संबंधों में एक नया अध्याय लिखने का अवसर है। वहीं, साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने कहा कि हमने विभिन्न क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय संबंधों और तालमेल को बढ़ाने पर चर्चा की। हम रक्षा सहयोग, संकट प्रबंधन, पर्यटन, नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करना चाहते हैं। हम साथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए ताकि हम ठोस परिणाम दे सकें।

निकोसिया में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस ने साइप्रस के निकोसिया में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इस दौरान पीएम मोदी ने साइप्रस की ओर से ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ मकारियोस III से सम्मानित किए जाने के लिए सभी का शुक्रिया अदा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे दिया गया यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि मेरे देश का सम्मान है। यह साइप्रस और भारत के बीच अटूट दोस्ती की मुहर है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह उनकी क्षमताओं और आकांक्षाओं का सम्मान है। यह हमारे देश के सांस्कृतिक भाईचारे और वसुधैव कुटुम्बकम की विचारधारा का सम्मान है। मैं यह सम्मान भारत और साइप्रस के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों और हमारे साझा मूल्यों और आपसी समझ को समर्पित करता हूं। मैं सभी भारतीयों की ओर से इस सम्मान को अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ स्वीकार करता हूं। यह सम्मान शांति, सुरक्षा, संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और हमारे लोगों की समृद्धि के प्रति हमारी अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साइप्रस के समर्थन के लिए आभारी’: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में साइप्रस के निरंतर समर्थन के लिए आभारी हैं। आतंकवाद, ड्रग्स और हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए हमारी एजेंसियों के बीच वास्तविक समय में सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और साइप्रस दोनों देशों के बीच सहयोग को रणनीतिक दिशा प्रदान करने के लिए एक मजबूत रोडमैप विकसित करेंगे। राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स और मैंने द्विपक्षीय वार्ता की। साइप्रस के विजन 2035 और भारत के विकसित भारत 2047 में समानताएं हैं। इसलिए हम अपने साझा विकास की दिशा में मिलकर काम करेंगे। रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए रक्षा उद्योग पर जोर दिया जाएगा। साइबर और समुद्री सुरक्षा पर एक अलग वार्ता शुरू की जाएगी। पीएम मोदी ने कहा कि साइप्रस भारतीय पर्यटकों के लिए पसंदीदा जगह है। यहां के लिए सीधी हवाई सेवा को शुरू करने पर जोर दिया जाएगा।हम साइप्रस में योग और आयुर्वेद के प्रसार को देखकर उत्साहित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ इस साल के अंत तक एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं। मैंने राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलिडेस के साथ हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों पर चर्चा की। मैंने इस बारे में व्यापारिक समुदाय के भीतर उत्साह और तालमेल की भावना देखी। भारत और यूरोपीय संघ इस साल के अंत तक एक मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने के लिए काम कर रहे हैं।

क्रिस्टोडौलाइड्स ने अहमदाबाद विमान हादसे पर दुख जताया
इस दौरान साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स ने अहमदाबाद विमान हादसे पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी, साइप्रस के लोग हाल ही में हुई घटना के बारे में आपके साथ हैं। हम दुख की इस घड़ी में आपके साथ हैं। आगे उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच ऐतिहासिक मित्रता है और हम एक-दूसरे पर भरोसा करते हैं। हम एकजुट हैं। साइप्रस और भारत के बीच संबंध हमारे साझा ऐतिहासिक अनुभव और मूल्यों पर आधारित हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि हम शांति, संवाद, सहयोग, लोकतंत्र और अंतरराष्ट्रीय नियमों के सम्मान में विश्वास करते हैं। हम समुद्र के कानून में विश्वास करते हैं और निस्संदेह, हम अंतरराष्ट्रीय नियमों को बनाए रखने में विश्वास करते हैं।

भारत-यूरोपीय संघ संबंधों जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर
क्रिस्टोडौलाइड्स ने कहा, ‘ हमें हमारे दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और भारत-यूरोपीय संघ संबंधों जैसे कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। हमने क्षेत्रीय स्थिति और IMEC के तहत हमारे सहयोग पर भी चर्चा की। अगर मैं अपने द्विपक्षीय संबंधों की बात करूं, तो हमने इसे अपनी राजनीतिक निकटता और अपने लोगों के बीच अच्छे संबंधों से आगे बढ़ाते हुए कई क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी तक विस्तारित करने पर चर्चा की है। कल हमने एक व्यापार मंच में भाग लिया था, जिसमें कई उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया। दोनों देशों के लोगों ने काफी रुचि दिखाई। इस संबंध में घोषणाएं भी की गई हैं। आज, हमने चर्चा की कि हम अपने व्यापार और व्यवसाय संबंधों को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। हमारे पास एक भू-रणनीतिक स्थान है, जिसके कारण हम यूरोपीय संघ के बाजारों के प्रवेश द्वार के रूप में काम कर सकते हैं।’

क्यों अहम है पीएम मोदी का साइप्रस दौरा?
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्किये ने जिस तरह से खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया और साथ ही भारत पर हमले के लिए पाकिस्तान को ड्रोन मुहैया कराए, उससे भारत और तुर्किये के संबंधों में खटास आई है। अब प्रधानमंत्री साइप्रस दौरे पर हैं और उनका दौरा तुर्किये के लिए एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। तुर्किये और साइप्रस में दुश्मनी है और साल 1974 के बाद से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध भी नहीं हैं। प्रधानमंत्री मोदी साइप्रस जाने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले 1983 में इंदिरा गांधी और 2002 में अटल बिहारी वाजपेयी ने इस देश का दौरा किया था। भारत और साइप्रस के कूटनीतिक रिश्ते हमेशा मजबूत रहे हैं, लेकिन इतने उच्चस्तरीय दौरे बहुत कम हुए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2018 में और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2022 में साइप्रस का दौरा किया था।