युवा सहकर्मियों की इन हरकतों से होते हैं पुराने असहज

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(www.arya-tv.com)अमेरिका के दफ्तरों के साथ काम करने वाली दो पीढ़ियों में वर्क कल्चर को लेकर एक नई स्थिति सामने आ रही है। ये टकराहट जैसा नहीं है। लेकिन 40 और 40 साल से अधिक उम्र के मैनेजरों और अन्य कर्मचारियों को 25 साल तक के युवा कर्मचारियों के तौर-तरीके असहज जरूर महसूस करवाते हैं। अक्सर युवा कर्मी दफ्तर में फटी हुई जींस पहनकर आते हैं। काम खत्म होने के बाद तुरंत ऑफिस छोड़कर चले जाते हैं।

साथ ही ऑफ डे या अन्य घोषित छुटि्टयों काे लेना अपना हक मानते हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर होने वाली बातचीत के मैसेजों में इमोजी का अधिक इस्तेमाल करते हैं। 42 साल के मैनेजर एंडी डन का कहना है कि युवा कर्मियों के तरीकों से लगता है कि मैं बूढ़ा हो चला हूं। जेनरेशन जेड नए तरीकों से काम करती है। इनकी शब्दावली भी अलग है। ये अपने काम को बखूबी करना भी जानती है।

40 साल और इससे अधिक उम्र के कर्मचारी एक अलग तरीके के वर्क प्लेस कल्चर के आदी होते हैं। 41 साल के मैनेजर कॉलिन गुनिन का कहना है कि युवा टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया साइट पर एक्टिव रहते हैं। उनके दिमाग में चीजें ज्यादा तेज गति से चलती हैं। वे लोग काम को अपने ढंग से करते हैं। 22 साल के जाहिद अहमद कहते हैं कि उन्हें एक बार इंटरव्यू में पूछा गया कि वे कंपनी के लिए क्या कर सकते हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि मुझे कंपनी का वाइस प्रेसिडेंट बना दो न कि इंटर्न।

मैं आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरुंगा। अपनी कंपनी चलाने वाले 30 साल के गाबे कैनेडी का कहना है कि युवा कर्मचारी ऑफिस में हाेने वाली राजनीतिक चर्चाओं में बेबाक रूप से अपनी राय रखते हैं। उन्होंने स्वीकारा कि युवा कर्मियों के तौर तरीकों से अधेड़ कर्मचारी उन्हें अपने भविष्य के लिए खतरा भी मानने लगते हैं।