(www.arya-tv.com) तालिबान ने अफनागिस्तान में अपनी सरकार के ऐलान से पहले रंग दिखाना शुरू कर दिया है। भारत के साथ अच्छे रिश्ते रखने की बात करने वाले तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने गुरुवार शाम एक इंटरव्यू में कहा है कि तालिबान को कश्मीर समेत पूरी दुनिया के मुसलमानों की आवाज उठाने का हक है। शाहीन ने कहा कि मुस्लिम हमारे अपने लोग हैं, हमारे नागरिक हैं और कानून के तहत उन्हें बराबरी का अधिकार है।
तालिबानी सरकार के ऐलान में एक-दो दिन और लग सकते हैं
मीडिया रिपोर्ट्स में पहले कहा जा रहा था कि तालिबान ईरान की तर्ज पर नई सरकार बनाने पर विचार कर रहा है और मुल्ला हिब्तुल्लाह अखुंदजादा तालिबान सरकार का प्रमुख बनाया जा सकता है और आज जुमे की नमाज के बाद इसका ऐलान कर दिया जाएगा। अब खबर आ रही है कि तालिबानी सरकार के ऐलान में एक-दो दिन और लग सकते हैं, क्योंकि इसके ज्यादातर नेता अभी कंधार में ही हैं और उनकी बातचीत पूरी नहीं हो पाई है।
अफगानिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री बोले- अफगानी नहीं चाहते कि कश्मीर मुद्दा यहां आए
अफगानिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और हिज्ब-ए-इस्लामी गुलबुद्दीन (HIG) पार्टी के नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार भी तालिबान से चर्चा कर रहे हैं। हिकमतयार ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा है कि तालिबान को अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी और देश के खिलाफ नहीं होने देने के वादे पर टिकना चाहिए। हिकमतयार के मुताबिक अफगानिस्तान के लोग नहीं चाहते कि कश्मीर विवाद, भारत-चीन सीमा विवाद और तिब्बत जैसे मुद्दे अफगानिस्तान पहुंचें।
हेकमतयार के पाकिस्तानी इंटेलीजेंस एजेंसीज के साथ भी लिंक हैं, इसलिए तालिबान सरकार के गठन में उनकी भूमिका काफी अहम मानी जा रही है।
हेकमतयार के पाकिस्तानी इंटेलीजेंस एजेंसीज के साथ भी लिंक हैं, इसलिए तालिबान सरकार के गठन में उनकी भूमिका काफी अहम मानी जा रही है।
चीन ने दिया तालिबान को मदद का भरोसा
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन के मुताबिक तालिबान के पॉलिटिकल ऑफिस के डिप्टी डायरेक्टर अब्दुल सलाम हनफी ने चीन के उप विदेश मंत्री वू जियांगहाओ से फोन पर बात की है। इस दौरान दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालात और भविष्य में अफगानिस्तान और चीन के रिश्तों को लेकर चर्चा की है। चीन ने कहा है कि वह काबुल में अपना दूतावास चालू रखेगा।
साथ ही कहा है कि क्षेत्रीय सुरक्षा में अफगानिस्तान की भूमिका अहम होगी। अफगानिस्तान में चीन मानवीय मदद जारी रखेगा और इसका दायरा बढ़ाएगा। चीन अफगानिस्तान में कोविड-19 महामारी के इलाज में भी सहयोग करेगा।
पंजशीर में तालिबान के खिलाफ जंग जारी
तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल समेत करीब पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है, लेकिन उसके लड़ाकों के लिए पंजशीर में घुसना मुश्किल हो रहा है। पंजशीर समर्थकों ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया है, जिसमें दिख रहा है कि पहाड़ों से तालिबानियों पर जमकर गोलियां और रॉकेट दागे जा रहे हैं। इस लड़ाई में 40 से ज्यादा तालिबानी मारे गए हैं, जबकि 19 तालिबानियों को पंजशीर की सेना ने गिरफ्तार कर लिया है।
भारत ने कहा- आतंकी गतिविधियों के लिए न हो अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल
काबुल एयरपोर्ट से फ्लाइट ऑपरेशन शुरू होने पर भारत एक बार फिर से अपने लोगों को वहां से निकालने का सिलसिला शुरू करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए इसकी जानकारी दी है। बागची ने बताया कि फिलहाल काबुल हवाई अड्डा बंद है। वहां ऑपरेशन फिर से शुरू होते ही काबुल से लोगों को निकालने के लिए अभियान शुरू करेंगे।
अफगानिस्तान में किस तरह की सरकार बनेगी? इस सवाल पर बागची ने कहा कि हम अटकलें नहीं लगा सकते। अफगानिस्तान में किस तरह की सरकार बन सकती है, इसके बारे में हमारे पास कोई ठोस जानकारी नहीं है। तालिबान से भारत की अगली बातचीत के रोडमैप के सवाल पर बागची ने बताया कि यह हां और ना की बात नहीं है। हमारा उद्देश्य है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों के लिए न हो।
काबुल एयरपोर्ट से उड़ानें जल्द शुरू होने की उम्मीद
अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बीच काबुल एयरपोर्ट से उड़ानें जल्द शुरू होने की उम्मीद है। कतर से आई एक टेक्निकल टीम आतंकी हमले से एयरपोर्ट पर हुए नुकसान का जायजा ले रही है। बता दें 31 अगस्त को अमेरिकी सेना के काबुल एयरपोर्ट से कब्जा छोड़ने के बाद वहां से उड़ानों का संचालन बंद है। अमेरिका समेत दूसरे देश काबुल एयरपोर्ट से सेना के विमानों से अपने-अपने लोगों को एयरलिफ्ट कर रहे थे, लेकिन 31 अगस्त से काबुल एयरपोर्ट तालिबान के कब्जे में है और अब एयरपोर्ट को फिर से शुरू करने से पहले तकनीकी खामियां दूर की जा रही हैं।
पाकिस्तान का कबूलनामा: हमने तालिबान के लिए सब कुछ किया
पाकिस्तान के एक मंत्री ने इस बार तालिबान से नजदीकियों की बात कबूली है। इमरान सरकार में मंत्री शेख राशिद ने तालिबान का खुले तौर पर समर्थन करते हुए खुद को तालिबान का संरक्षक बताया है। राशिद ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा है कि हमने तालिबान के नेताओं की लंबे वक्त तक हिफाजत की है। तालिबानी नेताओं ने हमारे यहां शरण ली, शिक्षा ली और यहां घर बनाया। हमने तालिबान के लिए सब कुछ किया है।
इससे पहले 15 अगस्त को जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया, तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इसे अफगानियों की आजादी बताया था। कुछ दिन पहले पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने भी तालिबान का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि तालिबान इस बार एक पॉजिटिव माइंडसेट के साथ आया है। वह महिलाओं को भी सत्ता में भागीदार बनाएगा।
अमेरिका सड़क के रास्ते भी लोगों को निकालने का प्लान बना रहा
अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट भले ही तालिबान को सौंप दिया है, लेकिन वह अफगानिस्तान में फंसे अपने नागरिकों और अफगानियों को निकालने का सिलसिला जारी रखेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की अंडर सेक्रेटरी विक्टोरिया नुलैंड ने कहा है कि जो लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं उन्हें निकालने के लिए हवाई और सड़क मार्ग समेत सभी विकल्प तलाशे जा रहे हैं। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने जानकारी दी है कि 31 अगस्त की रात तक 24 हजार अफगानियों समेत 31,107 लोग अफगानिस्तान से अमेरिका पहुंच चुके हैं।
