(www.arya-tv.com) एडीआरडीओ (डीआरडीओ) आगरा ने भारतीय सशस्त्र बलों की सामारिक सैन्य परिचालन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी सैन्य यु्द्ध पैराशूट हंस (हाई ऑल्टीट्यूड पैराशूट संग नेविगेशन और एडवांस्ड सब एसंबलीज) बनाया है। बुधवार को एडीआरडीओ ने मलपुरा ड्रापिंग जोन में इसका सफल परीक्षण किया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जारी किया गया।
रक्षा संगठन एडीआरडीई लंबे समय से भारतीय सशस्त्र बल व भारतीय वायुसेना के जहाजों के लिए पैराशूट विकसित करने का महत्वपूर्ण काम बखूबी कर रहा है। इसके तहत अब एडीआरडीई ने स्वदेशी प्रणाली से बना पैराशूट हंस बनाया है। हंस जवानों को 30 हजार फीट तक की ऊंचाई से पैरा जंप करने में सक्षम बनाएगा। बुधवार को मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में 10 हजार फीट की ऊंचाई से एडीआरडीई आगरा के चीफ टेस्ट जंपर विंग कमांडर विशाल लाखेश ने बुधवार को जंप लगाई। फ्री फॉल जंप के लिए मौजूदा प्रणालियों की जगह अब हंस का ही इस्तेमाल किया जाएगा। यह स्वदेशी सैन्य लडाकू पैराशूट प्रणाली है। इससे 30 हजार की फीट से पैरा कमांडो सुरक्षित उतर सकेंगे।
तालियां बजाकर बढ़ाया हौसला
हंस के परीक्षण के दौरान भारतीय सेना के अधिकारी, पैरा कमांडर और एयरफोर्स के अधिकारी भी मौजूद रहे। एडीआरडीई आगरा के चीफ टेस्ट जंपर विंग कमांडर विशाल लाखेश ने मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में 10,000 फीट की ऊंचाई से पहली लाइव जंप कि तो सभी अधिकारियों ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन भी किया। एडीआरडीई आगरा के अधिकारियों ने बताया कि हंस की स्वदेशी डिजाइन, सिमुलेशन पद्धित की वजह से पैरा कमांडो की क्षमता और बढेगी।
कई खूबियों से लैस है हंस पैराशूट
- हंस पैराशूट में अत्याधुनिक कपड़े का इस्तेमाल किया गया है।
- यह स्वेदशी और बेहद हल्का है।
- हंस पैराशूट में सभी आवश्यक अत्याधुनिक उप- प्रणालियां हैं।
- इसमें हल्के वजन वाले बैलिस्टिक हेलमेट, कॉम्बैट जंप सूट और जूते, ऑक्सीजन प्रणाली और उपग्रह आधारित नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली शामिल हैं।
- प्रणाली में संचालन की उच्चतम ऊंचाई, 200 किलो तक पेलोड ले जाने की क्षमता, 41 के उच्च ग्लाइड अनुपात, स्टाल प्रतिरोधी डिजाइन, उच्च क्षमता की अत्याधुनिक कपड़ा सामग्री, उच्च कुशलता, हवा के खिलाफ प्रवेश की क्षमता और सॉफ्ट लैंडिंग की विशेषताएं मौजूद हैं।
