(www.arya-tv.com) गोरखपुर सहित पूरे देश में गुरूवार को हरिशयनी एकादशी श्रद्धापूर्वक मनाई गई। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर विधि-विधान से पूजन कर भगवान विष्णु की अराधना की। भगवान विष्णु के योगनिद्रा में जाने के साथ ही गुरूवार से मांगलिक कार्य रुक गए। अब 23 नंवबर यानी देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागेंगे, फिर मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत होगी।
इस दौरान भी कर सकेंगे गृह प्रवेश और उपनयन संस्कार
पंडित विनोद तिवारी ने बताया, समस्त मांगलिक कार्य भगवान विष्णु के जाग्रत अवस्था में ही किए जाते हैं। इस समय विष्णु भगवान के शयन करने से विवाह, वर वरण, कन्या वरण, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार आदि कार्यों का निषेध किया गया है। लेकिन, कुछ कार्य इस समय भी किए जाते हैं। इनमें पुंसवन, प्रसूति स्नान, इष्टिका दहन, नामकरण, अन्नप्राशन, व्यापार आरंभ आदि शामिल हैं।
4 महीने नहीं हैं कोई शुभ मुहूर्त
ऐसे में अब चार महीनों तक कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं हैं। जिसकी वजह से जुलाई, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में कोई मांगलिक कार्य नहीं होंगे। जबकि, नवंबर और दिसंबर महीने में विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। हालांकि, इन दो महीनों में भी सिर्फ 12 दिन ही शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें मांगलिक कार्य हो सकेंगे।
नवंबर और दिसंबर में शुभ मुहूर्त
- नवंबर 2023 शुभ मुहूर्तः 23, 24, 27, 28 और 29 नवंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। यानी कुल 5 शुभ दिन उपलब्ध हैं।
- दिसंबर 2023 शुभ मुहूर्तः 5, 6, 7, 8, 9, 11 और 15 दिसंबर को विवाह के शुभ मुहूर्त हैं। यानी कुल 7 शुभ दिन उपलब्ध हैं।
