(www.arya-tv.com) दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कुलपति राजेश सिंह की दौड़ा-दौड़ाकर पिटाई और भ्रष्टाचार के लगे आरोपों के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मीडिया को भी धमकी दी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की ओर से लगाए जा रहे आरोपों की खबरें छापने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि ABVP के आरोपों को बिना जांच किए प्रकाशित करने वाले समाचार पत्रों और न्यूज़ पोर्टल पर कानूनी कार्यवाही करेगा।
वहीं, यूनिवर्सिटी प्रशासन की इस धमकी का भी ABVP ने विरोध शुरू कर दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री सौरभ गौड़ ने कहा, ‘प्रो. राजेश सिंह द्वारा किए गलत कृत्यों पर पर्दा डालने के अभिप्राय से ना सिर्फ छात्रों का दमन किया जा रहा है, बल्कि समाचार पत्रों और न्यूज़ पोर्टल को भी कानूनी कार्यवाही करने की धमकी दे कर चुप कराने की कोशिश की जा रही है। जिसका ABVP पुरजोर विरोध करती है।’
अपने सभी बयानों की जिम्मेदारी लेता है ABVP
‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस विषय पर प्रेस और मीडिया में दिए जा रहे अपने सारे बयानों की सम्पूर्ण जिम्मेदारी लेता है। साथ ही जरूरत पड़ने पर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले भ्रष्ट कुलपति प्रो. राजेश सिंह के खिलाफ आंदोलन के अतिरिक्त उचित कानूनी कार्यवाही करने से भी पीछे नहीं हटेगा।’
पुर्निया यूनिवर्सिटी के मुद्दे से डर गए हैं कुलपति
प्रदेश मंत्री सौरभ गौड़ ने कहा, ‘गोरखपुर विश्वविद्यालय में सीड मनी के रूप करोड़ों की अनियमितताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने आंखे मूंद लीं हैं। यह प्रो. राजेश सिंह के नेतृत्व वाले प्रशासन का भ्रष्ट चरित्र उजागर करने वाला है। गोरखपुर विश्वविद्यालय का प्रशासन पूर्णिया विश्वविद्यालय में हुई वित्तीय अनियमितता का जवाब कैसे दे सकता है? पूर्णिया विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितता का मामला जिस प्रकार से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने पुनः उठाया है, उससे राजेश सिंह डर गए हैं कि उनका भ्रष्ट चरित्र उजागर हो जाएगा।’
अब मीडिया को डराना चाहते हैं कुलपति
उन्होंने कहा, ‘गोरखपुर में कुलपति, प्रो. राजेश सिंह द्वारा लगातार की जा रही वित्तीय अनियमितताएं और अकादमिक कुप्रबंधन का सीधा दुष्प्रभाव छात्रों के भविष्य पर पड़ रहा है। जिससे तंग आकर वहां के छात्र, विश्वविद्यालय के कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन के विरोध में उतर आए हैं। जिसका नेतृत्व अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कर रही है। तथ्यों के आधार पर जबसे प्रो. राजेश सिंह की अक्षमता व भ्रष्टाचार उजागर होना शुरू हुआ है, वह मीडिया पर अवैध हस्तक्षेप कर मीडियाकर्मियों को डराना चाहते हैं।’
आरोपों की हो सही जांच
गोरखपुर विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के ही प्रोफेसर द्वारा शोध के नाम पर करोड़ों रुपए की धनराशि सीड मनी के रूप जारी होने और उसके कोई हिसाब नहीं होने का आरोप विश्वविद्यालय कुलपति पर लगाया गया है। इस संदर्भ उचित जांच करके सत्य सामने आना चाहिए और आरोप सत्य साबित होने पर कुलपति पर कार्रवाई हो।