बिकरु कांड में कार्रवाई:आरोपी बनाए गए एक दर्जन पुलिसकर्मियों को नोटिस

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(www.arya-tv.com)उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बिकरु में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और पुलिस के बीच मुठभेड़ में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस हत्याकांड के बाद एनकाउंटर में बड़ा दंड और लघु दंड के आरोपित बनाए गए एक दर्जन पुलिसकर्मियों को DIG ने नोटिस जारी किया है। पुलिसकर्मियों को यह बताना होगा कि उन्होंने गैंगस्टर विकास दुबे की मदद क्यों की। क्यों उसके जुर्म पर पर्दा डाले रहे। पुलिसकर्मियों का जवाब आने के बाद उनपर आरोप तय कर सजा की संस्तुति होगी।

बिकरू कांड को लेकर एसआईटी ने जो जांच की थी। उसमें धारा 14(1) बड़ा दंड के तहत पूर्व एसओ चौबेपुर विनय तिवारी, एसआई अजहर इशरत, एसआई चौबेपुर केके शर्मा, कुंवर पाल सिंह, विश्वनाथ मिश्रा, सिपाही चौबेपुर अभिषेक कुमार, रिक्रूट आरक्षी राजीव कुमार को आरोपित बनाया है।

इसी तरह धारा 14(2) लघु दंड के तहत इंस्पेक्टर बजरिया राममूर्ति यादव, एसआई दीवान सिंह, हेड कांस्टेबल चौबेपुर लायक सिंह, सिपाही विकास कुमार और कुंवर पाल सिंह को आरोपित बनाया गया है। डीआईजी डॉ. प्रीतिन्दर सिंह ने बताया कि इन सभी पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किया गया है। सभी को जल्द से जल्द अपने जवाब देने के लिए कहा गया है।

जवाब आने के बाद की जाएगी कार्रवाई
नोटिस में आरोपित पुलिसकर्मियों पर विकास दुबे के साथ देने के जो आरोप लगे हैं उसका जवाब मांगा गया है। पुलिसकर्मियों को यह बताना होगा कि आखिरकार उन्होंने विकास के गुनाहों पर पर्दा क्यों डाला और क्यों समय रहते कार्रवाई नहीं की। पुलिसकर्मियों के जवाब आने के साथ कई और राज खुलने की संभावना है।

कानपुर का बिकरु हत्याकांड

कानुपर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव निवासी हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने दो जुलाई की रात दबिश देने गई पुलिस टीम पर अपने साथियों संग अधाधुंध फायरिंग की थी। इस घटना में बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गये थे। घटना के बाद से उस पर बराबर इनाम बढ़ता गया और पांच लाख रुपये की इनामी को मध्य प्रदेश में उज्जैन महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया था।

इसके बाद उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम उसे उज्जैन लेने गई थी। उसे कानपुर लाया जा रहा था। पुलिस की गाड़ियां तेजी से कानपुर की ओर बढ़ रही थी और बर्रा थाना क्षेत्र के नेशनल हाइवे में बारिश होने के चलते एसटीएफ की गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गयी। इस पर मौका पाकर शातिर अपराधी विकास दुबे STF जवानों के हथियार खींच भागने लगा और एसटीएफ पर जानलेवा हमला कर दिया। एसटीएफ ने भी जवाबी फायरिंग की और विकास दुबे मारा गया था।