तेज बारिश ने खोली ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पोल, गोल चक्करों से लेकर गलियों तक पानी ही पानी

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ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार (11 जुलाई) को हुई झमाझम बारिश ने ग्रेटर नोएडा शहर की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी. बारिश के कुछ ही घंटों में शहर के अधिकांश सेक्टरों में सड़कों पर घुटनों तक पानी भर गया, जिससे लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हो गई. सबसे अधिक समस्या उन स्थानों पर देखने को मिली, जहां जल निकासी के पुख्ता इंतजामों का दावा किया गया था.

अल्फा-1, अल्फा-2, बीटा-1, बीटा-2, गामा-1, गामा-2, डेल्टा-2, सिग्मा-1, सिग्मा-2, सेक्टर-36, सेक्टर-37 और ओमिक्रॉन जैसे कई रिहायशी क्षेत्रों की मुख्य सड़कों पर लगभग एक फीट तक पानी भर गया. गोलचक्करों और तिराहों पर जाम जैसी स्थिति बन गई, जिससे दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.

 डेल्टा-2 में तो बाढ़ जैसे हालात बन गए 

डेल्टा-2 सेक्टर के निवासियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि प्राधिकरण ने सीवर, नालों और मैनहोल की समय पर सफाई के बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन हकीकत ये है कि हल्की बारिश ने ही पूरे सिस्टम की पोल खोल दी. डेल्टा-2 में तो बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. सिर्फ मुख्य सड़कें ही नहीं, बल्कि अधिकांश सेक्टरों की गलियों और अंदरूनी मार्गों में भी पानी भर गया. कई जगहों पर तो ड्रेनेज कवर कर दिए गए हैं, जिससे पानी निकलने का कोई रास्ता ही नहीं बचा. शहर में मौजूद अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम भी बिना सफाई के बेकार साबित हुआ और कुछ ही देर की बारिश में जलभराव ने हालात बिगाड़ दिए.

फिसलन और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ 

सूरजपुर, दादरी और 130 मीटर रोड जैसे प्रमुख मार्ग भी जलभराव से अछूते नहीं रहे. भारी वाहनों की आवाजाही के कारण कई जगहों पर सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और कीचड़ फैल गया, जिससे राहगीरों को फिसलन और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है. इस मानसूनी बारिश ने साफ कर दिया कि ग्रेटर नोएडा में जल निकासी व्यवस्था कितनी कमजोर है. यह स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है जब आने वाले दिनों में लगातार बारिश की संभावना जताई जा रही है. अब जरूरत है कि प्राधिकरण तत्काल प्रभाव से जल निकासी तंत्र की सफाई कराए और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज करे, ताकि शहरवासियों को और ज्यादा कठिनाई न झेलनी पड़े.