न कोई कवि न शायर न कहानीकार कहाँ गए पद्म पुरस्कार :लगभग रीते हाथ रहा उत्तम प्रदेश

# ## UP

(www.arya-tv.com)हर बार सुर्ख़ियों में रहने वाला प्रदेश पद्म पुरस्कारों के मामले में लगभग रीते हाथ रहा| इस बार के पद्म पुरस्कारों में कोइ भी ऐसा कथाकार पत्रकार कवी या शायर नहीं रहा जिसने पूरे देश में अपनी पहचान बनाई हो| प्रदेश की कई जनि मानी हस्तियां इस राजनीतिक छल का शिकार हो गयीं| भाषा साहित्य से रीता हो चला प्रदेश वैसे भी अपनी पहचान खोता जा रहा है |तुष्टीकरण की नीति और आगामी चुनाव को देखते हुए जो चंद पुरस्कार उत्तर प्रदेश की झोली में आये हैं उनका योगदान उत्तर प्रदेश के अधिकांश लोगो को भी ज्ञात नहीं, हाँ केंद्र सरकार को जरूर पता है|

प्रदेश का अन्य कोइ कलाकार ,चित्रकार,कथाकार पद्म पुरस्कारों के योग्य नहीं पाया गया |s p बालसुब्रमण्यम को मरणोपरांत पद्म बिभूषन दिया गया जो कलाकार को जीते जी दिया जा सकता था पर यहाँ कब्र पर फूल चढाने वाले ज्यादा होते हैं |चढ़ाना आसान भी होता है बनिस्बत इसके की हाथ पकड़ कर खड़ा कर दिया जाये |सूची पर गौर करें सब साफ़ हो जायेगा