मुनाफा तो दूर कारोबारियों को 30 से 40 लाख रुपए तक का नुकसान होने की उम्मीद

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com)  सरकार के नाइट कर्फ्यू को लेकर आम आदमी से लेकर कारोबारियों की नाराजगी दिखने लगी है। इसमें सबसे ज्यादा नाराजगी नाइट क्लब, बार और रेस्त्रां वालों की है। दलील है कि साल का सबसे अच्छा काम 25 से 31 दिसंबर के बीच होता है। इसमें मुनाफा भी काफी होता है लेकिन नाइट कर्फ्यू लगने से मुनाफा तो दूर एक – एक कारोबारियों को 30 से 40 लाख रुपए तक का नुकसान होने की उम्मीद है।

एक – एक क्लब वालों को 50 फीसदी तक का नुकसान

समिट बिल्डिंग में फर्जी कैफे क्लब के  शशांक सिंह चौहान बताते है कि नाइट कर्फ्यू से एक – एक क्लब वालों को 50 फीसदी तक का नुकसान होगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल भी काफी नुकसान हुआ था। यहां सभी लोगों ने रात दो बजे तक लीकर लाइसेंस ले रखा था। इसके लिए ढ़ाई से तीन लाख रुपए जमा किए गए हैं। अब वह पैसा भी नहीं मिलने वाला है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि रात 11 बजे वाले फैसले पर विचार किया जाए। इसको रात एक बजे से लागू किया जाए।

पूरे साल में इसकी प्लानिंग होती है

ब्लैक बरू हाउस नाम से क्लब चलाने वाले हिमांशु बताते है कि 25 से 31 दिसंबर के बीच सबसे अच्छा कारोबार होता है। अब एक – एक क्लब मालिक को 30 लाख रुपए का नुकसान होना तय है। उन्होंने कहा 11 बजे के नाइट कर्फ्यू से उनका सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। पूरे साल में इसकी प्लानिंग होती है।

अब नाइट कर्फ्यू लग जाने से दिक्कत बढ़ गई है। 31 दिसंबर को खर्च भी बहुत ज्यादा होता है। जो काम पांच हजार में होता था उसके लिए 15 हजार रुपए देने पड़े है। उन्होंने बताया कि अब उनका पैसा दे दिया गया है, दूसरी तरफ बुकिंग कैंसिल होने लगी है। ऐसे में दोहरा मार पड़ी है।

लखनऊ में छोटे – बड़े करीब 50 क्लब – बार

क्लब और बार सेक्टर में पिछले एक दशक से काम करने वाले दीपक मिश्रा बताते हैं कि साल 2019 में करीब 7 और 2020 में करीब 14 करोड़ रुपए का लीकर बिका था। उम्मीद थी कि इस बार कारोबार 20 करोड़ रुपए से ज्यादा जाएगा। लेकिन अब 10 करोड़ का कारोबार होना भी मुश्किल है। लखनऊ में छोटे – बड़े करीब 50 क्लब – बार है। उसके अलावा कई बड़े होटल 31 दिसंबर के लिए अलग से पार्टी रखते हैं। अब उनको लाइसेंस और अनुमति मिलनी बंद हो गई है। इसकी वजह से कारोबार के हिसाब से बड़ा नुकसान हुआ है।

जब काम कम होता है तो  सैलरी भी हो जाती हैआधी 

समिट में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि जब काम कम होता है तो उनकी सैलरी भी आधी हो जाती है। ऐसे में घर चलाना मुश्किल हो जाता है। लॉक डाउन के दौरान कई लोगों की नौकरी जा चुकी है। अब फिर से कारोबार उठना शुरू हुआ था। ऐसे में नाइट कर्फ्यू से स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो जाएगी। यहां काम करने वाले कर्मचारियों को 8 से 20 रुपए तक वेतन मिलता है। अब इसमें अगर 50 फीसदी की कटौती हो गई तो उनके लिए परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा।