बिना आईडी देखे आधी रात मिल जाती है एंट्री:राजधानी लखनऊ के समिट बिल्डिंग के क्लबों के लिए कोई नियम नहीं

# ## Lucknow

(www.arya-tv.com)    यूपी सरकार और आबकारी विभाग का नियम कहता है कि 21 साल से कम उम्र के लोग शराब नहीं पी सकते हैं। क्लब और बार में उनको शराब नहीं परोसा जाएगा। लेकिन, राजधानी लखनऊ के समिट बिल्डिंग के क्लबों के लिए यह नियम कोई मायने नहीं रखता है।

 एंट्री से पहले नाम की काट देंगे पर्ची…उम्र मायने नहीं
स्थिति यह है कि क्लब की कमाई बढ़ाने के लिए एंट्री से पहले ही पैसा जमा करा लिए जाते हैं। उनकी पर्ची भी दी जाती है। अमाउंट और नाम भी लिखा जाता है, लेकिन उम्र नहीं पूछा जाता है। कम उम्र के बच्चों को यहां नशा करने की पूरी आजादी मिलती है। क्लब मालिक और स्टाफ के कारण युवा शराब पीकर बर्बाद भी हो रहे हैं।

समिट बिल्डिंग में आए दिन होने वाले बवाल को देखते हुए पुलिस चौकी बनाई गई, लेकिन पुलिस की भी मिलीभगत साफ दिखती है। रात 11 बजे के बाद साउंड बजाने पर रोक है , बावजूद इसके रात एक बजे तक तेज आवाज में साउंड भी बजता है। पुलिस वहां खड़ी रहती है, लेकिन बंद नहीं कराती है।

20 साल के लड़के-लड़कियां बोलीं- कोई कुछ नहीं पूछता
क्लब के ग्राउंड फ्लोर पर कुछ लड़के-लड़कियों ने बताया  कि उनकी उम्र 21 साल से कम है। वह लोग स्टूडेंट है। क्लब में एंट्री बहुत आसानी से मिल जाती है। कोई भी उम्र नहीं देखता है। हालांकि उनको यह पता भी नहीं था कि 21 साल से कम उम्र के लोगों को शराब नहीं परोसी जा सकती है। एंट्री से पहले उनकी उम्र देखनी चाहिए। इसके लिए आईडी प्रूफ देखना होता है, उनको जानकारी थी कि 18 साल से कम उम्र के लोगों को एंट्री मिलने में परेशानी होती है।

ज्यादातर क्लब के बाहर नोटिस नहीं लगी
समिट बिल्डिंग में 15 फ्लोर है। इसमें करीब 10 से ज्यादा क्लब और बार हैं। इस दौरान एक या दो क्लब को छोड़ दिया जाए तो किसी भी क्लब के बाहर नियमों की जानकारी नहीं दी गई है। जबकि आबकारी विभाग की गाइड लाइन बाहर चस्पा होनी चाहिए। ग्राउंड फ्लोर पर एक क्लब के बाहर नोटिस लगी भी है तो वह इतना छोटा है कि नजर ही नहीं जाती। इसके अलावा बाकी जगह तो कोई जानकारी ही नहीं है।बिल्डिंग के आस-पास के अपार्टमेंट के लोग परेशान हैं। हम आपके सामने वो हकीकत भी लाना चाहते हैं। यहां का लाउड म्यूजिक उन्हें रात में सोने नहीं देता है। समिट बिल्डिंग के एक किमी के दायरे में करीब 26 अपार्टमेंट हैं। अंधेरा होने के बाद यहां की बहू-बेटियां अकेले घर के बाहर निकलने से डरती हैं। नशे की हालत में न जाने कब, कौन छेड़खानी कर दे। बड़े घरों से ताल्लुक रखने वाले ये लड़के बेकाबू सा बर्ताव करते हैं। कई बार लड़ते हुए ये लोग कैंपस के अंदर आ जाते हैं। गाड़ियों के शीशे तोड़ देते हैं। नशे में धुत लड़कियां भी अश्लीलता पर उतारू रहती हैं।

सीज किया जाएगा

आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने दावा किया कि अगर कोई क्लब ऐसा कर रहा है तो उसको सीज किया जाएगा। मंत्री से यह सवाल किया गया था कि शहर के क्लब में 21 साल से कम उम्र वालों को न सिर्फ एंट्री मिलती है बल्कि उनको खुलेआम शराब और बीयर परोसी जाती है। उसके बाद ही उन्होंने ऐसे क्लबों को सीज करने की बात कही