(www.arya-tv.com) दुनिया में ऐसे कई जीव हैं जिनकी मौजूदगी से हम अब भी अंजान हैं। हाल ही में न्यूजीलैंड की समुद्री गहराइयों में वैज्ञानिकों को एक दुर्लभ मछली का बच्चा मिला है। इसे बेबी घोस्ट शार्क कहा जा रहा है।
क्या है घोस्ट शार्क?
घोस्ट शार्क को चिमेरा प्रजाति के नाम से भी जाना जाता है। ये असली शार्क नहीं होती, केवल उसकी रिश्तेदार होती है। यानी इसकी बनावट शार्क जैसी होती है। घोस्ट शार्क में भी कई प्रजातियां आती हैं। इनमें से अधिकतर गहरे पानी में मिलती है और बहुत कम ही समुद्र तटों के पास।
एक एडल्ट घोस्ट शार्क 2 मीटर लंबी होती है और विश्व में हर जगह मिल सकती है। ये ज्यादातर समुद्र तल पर मिलने वाले घोंघे और कीड़े ही खाती है।
यह इतनी दुर्लभ है कि वैज्ञानिकों को भी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। वे सालों से इस पर रिसर्च कर रहे हैं। उनके अनुसार, इस मछली के बच्चों का मिलना और भी दुर्लभ है क्योंकि घोस्ट शार्क समुद्र तल पर अंडे देती है।
गहरे पानी में मिली मछली हाल ही में अंडे से निकली है
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, बेबी घोस्ट शार्क की खोज न्यूजीलैंड के दक्षिणी द्वीप के पास जमीन से लगभग 1.2 किमी नीचे हुई है। शोध में शामिल डॉ. ब्रिट फानुची ने बताया कि गहरे पानी की प्रजातियों को आमतौर पर खोजना मुश्किल होता है, विशेष रूप से घोस्ट शार्क को। ये मछलियां काफी रहस्यमयी होती हैं और हम इन्हें बहुत बार देख भी नहीं पाते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉटर एंड एटमोस्फेरिक रिसर्च के वैज्ञानिकों का मानना है कि बेबी घोस्ट शार्क हाल फिलहाल ही अंडे से बाहर निकली है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसके पेट में अभी भी अंडे का योक है। जन्म से पहले ये शार्क्स अंडे में रहते हुए उसके योक से ही अपनी भूख मिटाती हैं।
बेबी घोस्ट शार्क का इतना महत्व क्यों?
खोज करने वाली टीम के वैज्ञानिकों का कहना है कि बेबी घोस्ट शार्क के मिलने से प्रजाति के प्रारंभिक जीवन के बारे में जानकारी मिल सकती है। ये मछली बचपन में अलग-अलग जगहों पर रह सकती है और तरह-तरह का खाना खा सकती है। ये एडल्ट घोस्ट शार्क से बेहद अलग है।
डॉ. फानुची का कहना है कि फिलहाल इस बेबी घोस्ट शार्क के टिशूज के कुछ सैंपल लेकर उन्हें स्टडी किया जाएगा। इससे उसके जेनेटिक्स के बारे में जानकारी मिलेगी। साथ ही बड़े होने पर उसकी लंबाई-चौड़ाई और वजन कैसा होता, यह भी पता चल सकेगा