प्रयागराज(www.arya-tv.com) प्रयागराज के कवि डॉक्टर श्लेष गौतम की पुस्तक ‘नई सदी को पढ़ो कबीरा’ पर परिचर्चा हुई। इस पुस्तक में सुप्रसिद्ध साहित्यकार ममता कालिया, सुविख्यात कवि प्रोफेसर अशोक चक्रधर, वरिष्ठ नवगीतकार यश मालवीय, साहित्यकार डॉक्टर बुद्धिनाथ मिश्रा ने भूमिकाएं लिखी हैं।
डॉक्टर कुमार विश्वास ने कवि श्लेष गौतम के काव्य संग्रह ‘नई सदी को पढ़ो कबीरा’ की कविताओं पर लिखा-आज के समय की एक ज़रूरी कविता है ‘नई सदी को पढ़ो कबीरा’। यह कविता कबीर से लेकर कैलाश गौतम की जनवादी परंपरा और मूल्य बोध की कविता है।
वस्तुतः जन चेतना को आगे ले जाने वाली कविता के वंश परंपरा के कर्तव्य बोध की कविता है ‘नई सदी को पढ़ो कबीरा’। इस काव्य संग्रह की शीर्षक कविता ‘नई सदी को पढ़ो कबीरा’ के पहले परिच्क्षेद(पैराग्राफ) को पूरा पढ़ते हुए पंक्तियों में प्रयुक्त तथ्य,सत्य और व्यंग्य बोध पर अपनी सहमति व्यक्त करते हैं।
श्लेष मंच पर स्थापित हो चुके हैं और उनका काव्य संग्रह ‘नई सदी को पढ़ो कबीरा’ कैलाश गौतम की जनवादी परंपरा को आगे ले जाने वाला है। उनकी कविताएं लोक की ओर मुंह करके खड़ी हैं सामाजिक जन चेतना के भाव के साथ। श्लेष जनमानस में अपनी पैठ बना रहे हैं परंतु आलोचना के निष्कर्ष पर अभी कसा जाना शेष है।
