नेपाल में आंदोलन के बीच यूपी के बॉर्डर पर बढ़ी सुरक्षा, आने-जाने वालों पर कड़ी निगरानी

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पड़ोसी देश नेपाल में शुरू हुए युवाओं के हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और विशेष सतर्कता बरती जा रही है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों की सीमा नेपाल से लगती है, जहां सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और स्थानीय पुलिस सुरक्षा निगरानी करती हैं. इनमें कई जिलों के नागरिकों ने बताया कि नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगने से दोनों तरफ लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

बलरामपुर जिले में नेपाल में जारी आंदोलन को देखते हुए सीमा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और उधर से आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. बलरामपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास कुमार ने सोमवार को बताया कि नेपाल में जारी आंदोलन को देखते हुए सीमा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है तथा खुफिया एजेंसियों को विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है. उन्होंने बताया कि नेपाल सीमा से लगे क्षेत्रों में सभी पुलिसकर्मियों को सतर्कता बरतने के विशेष निर्देश दिए गए हैं. कुमार ने बताया कि सीमा से लगे सभी थानों पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया है.

पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में सोशल मीडिया मंचों पर लगे प्रतिबंध के बाद फैले बवाल के चलते बहराइच में एसएसबी ने भारत नेपाल सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है. नेपाल में लगे प्रतिबंध से सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र में रह रहे भारतीयों में भी भारी निराशा है.

नेपाल सरकार 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगाया था प्रतिबंध

नेपाल सरकार ने तीन सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाया था. इस प्रतिबंध के बाद 18 से 30 साल के युवाओं की अगुआई में नेपाल के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन शुरू हो गये, जिसने बाद में हिंसक रूख अख्तियार कर लिया.

सशस्त्र सीमा बल 42 वीं वाहिनी के सेनानायक गंगा सिंह उदावत ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बहराइच जिले से सटे नेपाली इलाकों में विशेष अशांति की खबर नहीं थी. रूपईडीहा बॉर्डर से सटे नेपाल राष्ट्र के नेपालगंज कस्बे में हल्के-फुल्के विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिली थी. यहां से काफी दूर स्थित नेपाली क्षेत्रों में बड़ी अशांति की खबरें मिली हैं. इसके मद्देनजर हमने अपने इलाके में एहतियातन सीमा पर गश्ती बढ़ा दी है.’’

नेपाल को जोड़ने वाली पगडंडियों पर नाकों की संख्या बढ़ाई

उन्होंने बताया, “नेपाल से आने जाने वाले मुख्य मार्गों के अतिरिक्त गांवों एवं वनक्षेत्रों से नेपाल को जोड़ने वाली पगडंडियों पर नाकों की संख्या बढ़ाई गयी है. एसएसबी के जवानों को सीमा पर 24 घंटे गश्ती के निर्देश दिए गये हैं. सीमा पर तैनात श्वान दस्ते, ‘फेस रिकॉग्निशन डिवाइस’ तथा ‘ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर डिवाइस’ पर तैनात तकनीकी विशेषज्ञ जवानों को खास सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.’’

रूपईडीहा नगर पंचायत चेयरमैन डॉक्टर उमाशंकर वैश्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध एक तरह से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध जैसा है.’’ नगर पंचायत चेयरमैन ने कहा, ‘‘भारतीय नागरिकों के नेपाल में रह रहे रिश्तेदारों से बातचीत व संपर्क का एकमात्र साधन इंटरनेट आधारित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म थे. अधिकतर प्रचलित मंचों पर प्रतिबंध लगने से इन लोगों का आपस में सहज संपर्क कमजोर हो गया है. इससे सीमावर्ती भारतीय नागरिकों में भी निराशा फैली हुई है.’’

महराजगंज जिले की सोनौली सीमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम

एक अधिकारी ने बताया कि महराजगंज जिले की सोनौली सीमा पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. एसएसबी और पुलिस संयुक्त रूप से निगरानी कर रही है. पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा ने बताया कि सीमा पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है. यात्रियों को पहचान पत्र जांच के बाद ही आने-जाने दिया जा रहा है. सीसीटीवी कैमरों और गश्त से निगरानी बढ़ा दी गई है. हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है और सुरक्षा बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.

भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता

दोनों तरफ के निवासियों का कहना है कि नेपाल सरकार के प्रतिबंध ने एक महत्वपूर्ण संचार संपर्क को काट दिया है. उत्तर प्रदेश के सोनौली निवासी आकाश पांडेय ने कहा, ‘‘भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है, लेकिन सीमा पार कॉल करना बहुत महंगा है. एक मिनट की कीमत सात रुपये से ज्यादा है. इसलिए लोग दोस्तों और रिश्तेदारों से जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं. अब, इस प्रतिबंध के कारण कई लोग परेशान हैं, खासकर वे परिवार जिनकी बेटियों की शादी सीमा पार हुई है.’’

कर्फ्यू के कारण फंसे कई पर्यटक

इस अशांति का असर पर्यटन पर भी पड़ा है. नेपाल के भैरहवां निवासी श्रीचन गुप्ता ने कहा, ‘‘मैं यहां एक ट्रैवल एजेंसी चलाता हूं. कई भारतीय पर्यटक जो सीमा पार कर गए थे, अब कर्फ्यू के कारण फंस गए हैं. हमें उम्मीद है कि सरकार उनकी सुरक्षित वापसी का इंतजाम करेगी.’’ नेपाल के काठमांडू में जारी आंदोलन के मद्देनजर लखीमपुर खीरी जिले के पलिया तहसील क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है.

पलिया के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) यादवेंद्र यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पड़ोसी नेपाल में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए पुलिस और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) सहित सुरक्षा एजेंसियां ​​हाई अलर्ट पर हैं.’’ हालांकि, सोमवार को गौरीफंटा सीमा पर स्थिति सामान्य बताई गई, लेकिन नेपाल में तनाव के मद्देनजर सीमा पार धीमी आवाजाही की सूचना मिली है.

 नेपाल सीमा पर एसएसबी समेत सुरक्षा बलों को किया सतर्क

पीलीभीत के जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अभिषेक यादव ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि नेपाल सीमा पर एसएसबी समेत सुरक्षा बलों को सतर्क किया गया है. जिलाधिकारी (डीएम) ने बताया कि पीलीभीत की सीमा नेपाल देश के महेंद्रनगर और धनगढ़ी जिले से जुड़ी हुई है. डीएम के अनुसार अभी किसी के आने जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. एसएसपी यादव ने बताया सीमा से सटे सभी थानों को सतर्क कर दिया गया है. सीमा पर नेपाल के घटनाक्रम की अभी कोई प्रतिक्रिया देखने को नहीं मिली है.