लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी NCT बिल पास:अब दिल्ली सरकार से ज्यादा ताकतवर होंगे LG

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(www.arya-tv.com)दिल्ली में उपराज्यपाल की शक्तियां बढ़ाने वाला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक (NCT एक्ट) बुधवार को राज्यसभा में पास हो गया। बिल पेश होने के बाद राज्यसभा में काफी हंगामा हुआ। कांग्रेस सहित चार दलों ने बिल का विरोध करते हुए सदन की कार्रवाई से वॉकआउट किया, लेकिन बिल के पक्ष में बहुमत होने के बाद उप सभापति ने उसे पास कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पास कर चुकी है।

संजय सिंह ने कहा- आप के विस्तार से घबराई केंद्र सरकार
आम आदमी पार्टी से सांसद संजय सिंह ने बिल को अलोकतांत्रिक बताया। उन्होंने कहा कि इस बिल से साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से डरते हैं। कई राज्यों में आम आदमी पार्टी का विस्तार हो रहा है। इससे घबराकर ये बिल लाया गया है।

SP सांसद ने बिल सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी (SP) से सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने बिल के विरोध में संसद की कार्रवाई से वॉकआउट किया। उन्होंने बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि ये बिल असंवैधानिक है। YSR कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने भी राज्यसभा से वॉकआउट किया।

BJD सांसद ने विरोध में वॉकआउट किया
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD) से सांसद प्रसन्ना आचार्य ने भी बिल के विरोध में सदन से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने तय किया है कि वो इस बिल का समर्थन नहीं करेगी। ये बिल चुनी हुई सरकार की ताकत को कम करता है। बिना किसी हंगामे के हम सदन से वॉकआउट कर रहे हैं।

लोकसभा में 22 मार्च को पास हो चुका बिल
लोकसभा में 22 मार्च को NCT एक्ट पास हो चुका है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने इसे पेश किया था। यह बिल चुनी हुई सरकार के मुकाबले उपराज्यपाल के अधिकारों को बढ़ाता है। बिल में प्रावधान है कि दिल्ली सरकार को कोई भी बड़ा फैसला लेने से पहले LG की राय लेना जरूरी होगा।

लोकसभा में बिल पेश करते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा था कि ये बिल लाना जरूरी हो गया है। दिल्ली सरकार का स्टैंड कई मुद्दों पर क्लियर नहीं रहा है, इसलिए कुछ मामले अदालतों में भी चल रहे हैं। उन्होंने कहा था कि इसे राजनीतिक विधेयक नहीं कहना चाहिए। दिल्ली केंद्रशासित प्रदेश है। इस बिल से प्रशासन के कामकाज का तरीका बेहतर होगा।