(www.arya-tv.com) चंद्रमा का निर्माण कैसे हुआ, यह हमेशा से ही वैज्ञानिकों के लिए रिसर्च का एक दिलचस्प विषय रहा है। साल 1980 से माना जाता रहा है कि पृथ्वी से एक विशाल ग्रह टकराया था। इससे निकले अवशेषों से मिलकर हजारों साल बाद चांद बना था। मगर हाल ही में इंग्लैंड की डरहम यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने इसे लेकर एक चौंकाने वाला दावा किया है।
नई रिसर्च में कहा गया है कि इस टकराव से धरती का एक बड़ा हिस्सा तो टूटा होगा, लेकिन चंद्रमा के निर्माण की प्रक्रिया इतनी लंबी नहीं होगी। यह महज कुछ घंटों में ही बन गया होगा। पृथ्वी से टकराने वाली चीज को थिया नाम दिया गया है। वैज्ञानिक इसे मंगल ग्रह के आकार का प्लैनेट मानते हैं।
नासा ने एनिमेशन वीडियो से समझाई प्रोसेस
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के वैज्ञानिक भी नई थ्योरी को सुनकर हैरान है। उनका कहना है कि यह पुरानी थ्योरी से बेहद अलग है। नए शोध ने चांद, उसके वातावरण और कक्षा के बारे में और रिसर्च के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। नासा और डरहम यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मिलकर सिम्युलेशन्स का एक वीडियो भी तैयार किया है। लगभग दो मिनट की इस क्लिप में चांद के निर्माण की प्रोसेस समझी जा सकती है…
सुपर कंप्यूटर की मदद से हुई रिसर्च
शोधकर्ताओं ने COSMA नाम के सुपर कंप्यूटर के शक्तिशाली सिम्युलेशन्स के जरिए यह रिसर्च की है। कोडिंग की मदद से उन्होंने एक साथ सैकड़ों टकरावों को अलग-अलग एंगल से देखा। साथ ही इन टक्करों की रफ्तार, वजन, ग्रहों के चक्र आदि को भी ध्यान में रखा गया। सिम्युलेशन्स के आधार पर चंद्रमा के निर्माण की गति और हमारे पुराने अनुमान के बीच में भारी अंतर पाया गया है।
450 करोड़ साल पुराना है धरती का चंद्रमा
चांद पृथ्वी से 3.8 लाख किलोमीटर दूर है। रिसर्चर्स को इसके निर्माण के पहले सबूत अमेरिका के अपोलो 11 मिशन से वापस आए 21.6 किलोग्राम के चंद्रमा के पत्थर और धूल से मिले थे। जांच में पता चला था कि ये नमूने 450 करोड़ साल पुराने हैं।