(www.arya-tv.com) संसद के विशेष सत्र का आज बुधवार को तीसरा दिन है। दोनों सदनों की कार्यवाही जारी है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर डिबेट शुरू हो गई है। सबसे पहले कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने सदन को बिल के बारे में बताया। उनके बाद कांग्रेस की ओर से सोनिया गांधी ने 10 मिनट तक अपनी बात कही।
सोनिया ने कहा, ‘स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून मेरे पति राजीव गांधी लाए थे, जो राज्यसभा में 7 वोटों से गिर गया था। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार ने उसे पास करवाया। इसी का नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों में 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं। राजीव का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है, यह बिल पास होने से सपना पूरा हो जाएगा।
उन्होंने आगे कहा- कांग्रेस की मांग है कि बिल को फौरन अमल में लाया जाए। सरकार को इसे परिसीमन तक नहीं रोकना चाहिए। इससे पहले जातिगत जनगणना कराकर इस बिल में SC-ST और OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।
इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि ये सिर्फ PM मोदी का बिल है, जिसका गोल उसी का नाम आना चाहिए। हमारे प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी ये बिल लेकर आई है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है।
भाजपा की ओर से निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, दीया कुमारी भी अपनी बात रखेंगी। यह डिबेट शाम 6 बजे तक चलेगी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाषण दे सकते हैं।
- DMK की ओर से एमके कनिमोझी बोलने खड़ी हुईं। सत्ताधारी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू की तो एनसीपी की सुप्रिया सुले ने विरोध किया। दोनों महिला सांसदों ने स्पीकर से कहा कि बीजेपी के लोग महिलाओं की यही इज्जत करते हैं। फिर सदन में शांति छा गई।
- BJP सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि यहां इतने पुरुष मौजूद हैं, उनकी वजह महिला है। अगर महिला नहीं होतीं, तो पुरुषों का अस्तित्व ही नहीं होता। मुझे लग रहा था कि सोनिया गांधी राजनीति से उठकर बोलेंगी। महिला आरक्षण के लिए गीता मुखर्जी और सुषमा स्वराज ने सबसे ज्यादा आवाज उठाई। सोनिया ने उनका नाम नहीं लिया। सोनिया इस बिल का क्रेडिट लेना चाहती हैं।
- TMC सांसद काकोली घोष ने कहा, ‘हम इस बिल का समर्थन करते हैं। पश्चिम बंगाल देश का एकमात्र राज्य है, जहां महिला सीएम है, जबकि बीजेपी की 16 राज्यों में सरकार है, इसके बावजूद एक भी महिला मुख्यमंत्री नहीं है। लोकसभा में TMC की 40% महिला सांसद हैं।
- JDU के सांसद ललन सिंह ने कहा कि ये 2024 का चुनावी जुमला है। I.N.D.I.A गठबंधन से सरकार घबरा गई और ये बिल लेकर आई। इनकी मंशा सही होती तो 2021 में जनगणना शुरू करवा दी होती। इससे अब तक जनगणना पूरी हो जाती और महिला आरक्षण 2024 से पहले लागू हो जाता।