म्यूचुअल फंड में FD से ज्यादा फायदा:मल्टी कैप फंड्स ने बीते 1 साल में दिया 63% तक का रिटर्न

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(www.arya-tv.com) अगर आप कम जोखिम के साथ किसी ऐसी स्कीम में निवेश करना चाहते हैं जहां आपको FD से ज्यादा रिटर्न मिले तो आप म्यूचुअल फंड की मल्टी-कैप स्कीम्स ने निवेश कर सकते हैं। इस कैटेगिरी के फंड्स ने बीते 1 साल में 63% तक का रिटर्न दिया है।

सबसे पहले समझें मल्टी-कैप फंड क्या हैं?
मल्टी-कैप फंड के तहत लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप में निवेश किया जाता है। सेबी के नए नियमों के अनुसार मल्टी-कैप फंड में लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप तीनों में 25-25% हिस्सा रखना होगा। फंड मैनेजर को न्यूनतम 75% इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड फंड में निवेश रखना होगा।

मान लीजिए फंड मैनेजर के पास निवेशकों का कुल 100 रुपए हैं। यहां फंड मैनेजर को न्यूनतम 75 रुपए इक्विटी और इक्विटी ओरिएंटेड फंड में निवेश करना होगा। जिसमें 25-25 रुपए लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप तीनों में लगाना होगा। बाकी बचे हुए 25 रुपए फंड मैनेजर अपने हिसाब से निवेश कर सकते है।

इनमें रहता है कम जोखिम
यदि आप इक्विटी फंड्स में इन्वेस्ट करना चाहते हैं लेकिन ज्यादा-रिस्की एक्सपोजर लेना नहीं चाहते, तो आप टॉप-रेटेड मल्टी-कैप फंड्स में इन्वेस्ट कर सकते हैं। मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से ये फंड्स अच्छी तरह डाइवर्सिफाइड भी होते हैं।

ये फंड्स, मार्केट के स्थिर रहने पर, स्मॉल और मिड-कैप फंड्स की तुलना में कम रिटर्न दे सकते हैं लेकिन अस्थिर मार्केट कंडीशन में ये फंड्स कम रिस्की होते हैं। इसलिए, यदि आप एक ऐसा फंड चाहते हैं जिसमें कम रिस्क हो तो आप मल्टी-कैप फंड्स आपके लिए सही इन्वेस्टमेंट चॉइस हो सकता है।

मल्टी कैप फंड्स में किसे निवेश करना चाहिए?
निवेशक जो इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन बहुत अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, इन फंड्स में निवेश कर सकते हैं। पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइ करने का ये अच्छा ऑप्शन है। जो निवेशक एक ही पोर्टफोलियो में जोखिम और अस्थिरता के बीच संतुलन बनाना चाहते हैं, वे भी मल्टी-कैप फंड्स का विकल्प चुन सकते हैं।

SIP के जरिए निवेश करना रहेगा सही
म्यूचुअल फंड में एक साथ पैसा लगाने की बजाय सिस्टमेंटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिए निवेश करना चाहिए। SIP के जरिए आप हर महीने एक निश्चित अमाउंट इसमें लगाते हैं। इससे रिस्क और कम हो जाता है क्योंकि इससे इस पर बाजार के उतार चढ़ाव का ज्यादा असर नहीं पड़ता।