(www.arya-tv.com) आदिपुरुष के मेकर्स के खिलाफ लोगों का गुस्सा शांत नहीं हो रहा है। मुकेश खन्ना ने मनोज मुंतशिर और ओम राउत पर फिर निशाना साधा है। मुकेश ने कहा कि हनुमान जी भगवान नहीं हैं ये सभी को पता है, उन्हें तो अमर होने का वरदान मिला है। वे आज भी जिंदा हैं।
मुकेश ने कहा कि हनुमान जी से बड़ा भक्त और सेवक आज तक कोई नहीं हुआ है, इसी वजह से उनकी पूजा होती है। दरअसल फिल्म के राइटर मनोज मुंतशिर ने कहा कि हनुमान जी भगवान नहीं थे, लेकिन फिल्म में उन्हें भगवान की तरह दिखाया गया है।
मनोज के इसी स्टेटमेंट का मुकेश ने जवाब दिया था। मुकेश ने कहा कि हनुमान जी को भगवान मत दिखाओ लेकिन उनसे टपोरी भाषा भी मत बुलवाओ।
पहले मनोज मुंतशिर का हनुमान जी को लेकर स्टेटमेंट पढ़िए..
आज तक को दिए एक इंटरव्यू में मनोज ने कहा, ‘बजरंगबली श्रीराम की तरह दार्शनिक बातें नहीं करते थे। बजरंगबली भगवान नहीं, भक्त थे। हमने उनको बाद में उनकी भक्ति देखकर भगवान बनाया है।
जब आप फिल्म देखेंगे तो आपको कोई शिकायत नहीं होगी। आपको महसूस होगा कि हनुमान का किरदार बच्चे जैसा था। वो ताकतवर थे, इंटेलिजेंट थे, पर जब वो बात करते थे तो बच्चे की तरह बात करते थे। हमने उनके कैरेक्टर को भी इसी तरह अप्रोच किया था।’
मुकेश ने कहा- हमने हनुमान जी को टपोरी लैंग्वेज में बात करते कभी नहीं सुना
मुकेश खन्ना ने टाइम्स नाउ से बात करते हुए कहा, ‘मनोज मुंतशिर जैसे लोग जिन्हें सभी बहुत बड़ा राइटर मानते हैं, वे आज बेतुकी बातें कर रहे हैं। ये आदमी अचानक बोलता है कि हनुमान जी भगवान नहीं थे। हमनें कब कहा कि वे भगवान हैं, हमने उन्हें कभी भगवान नहीं माना। भगवान तो राम और कृष्ण हैं। हनुमान जी तो एक भक्त हैं।
मानते हैं कि हनुमान भगवान नहीं हैं लेकिन उनसे बड़ा भक्त कोई आज तक नहीं हुआ। हमने कभी उन्हें टपोरी लैंग्वेज में बात करते नहीं सुना। क्या हनुमान जी युद्ध काल में ऐसे ही बात करते थे। समझ नहीं आता कि फिल्म बनाने से पहले इन लोगों ने क्या स्टडी किया है।’
एक बच्चा भी रामायण को आसानी से समझ सकता है, लेकिन मेकर्स नहीं समझ पाए
मुकेश खन्ना ने ओम राउत के भी एक स्टेटमेंट का जवाब दिया जिसमें ओम ने कहा- जो लोग कहते हैं कि उन्होंने रामायण पढ़ी है वे झूठ बोलते हैं। इसका जवाब देते हुए मुकेश खन्ना ने कहा, ‘इससे ज्यादा बेतुकी वाली बात कुछ नहीं हो सकती। ओम राउत ने रामायण पढ़ी ही नहीं है। उन्हें ये पता नहीं है कि रावण को वरदान क्या मिला था।
ये कहना है कि रामायण को कोई नहीं समझ सकता, इससे ज्यादा बेवकूफी वाली बात कुछ हो ही नहीं सकती। रामायण समझने के लिए सबसे आसान ग्रंथ है। रामायण आपको समझ नहीं आ रही है, इसका मतलब ये नहीं है कि किसी को समझ न आए। एक 10 साल का बच्चा भी रामायण आसानी से समझ सकता है।’