‘मुंह मारना गांव की भाषा है, मैंने लड़का, लड़की दोनों के लिए कहा था…’ बोले अनिरुद्धाचार्य

# ## UP

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने अपने विवादित बयानों पर सफाई दी है. अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि मुंह मारना गांव की भाषा है. मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि मैंने लड़का और लड़की दोनों के लिए कहा था. जो लड़की कई पुरुषों के साथ रही वह पतिव्रता नहीं है. उन्होंने कहा कि व्यभिचारी लोग चरित्रवान नहीं होते. वह मुंह मारते हैं. पुरुष और स्त्री, दोनों चरित्रवान हों.

अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि पुरुष हों या स्त्री, उनको व्यभिचार नहीं करना चाहिए. पराई स्त्री या पराए पुरुष की ओर नहीं देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैंने वही बात कही जो शास्त्रों में लिखी है. मैंने अपने मन से कुछ नहीं कहा.

‘लड़का और लड़की अगर चरित्रवान होंगे तभी…’

अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि लड़की चरित्रवान रहेगी तभी खुश होगी. लिव इन के मुद्दे पर कथावाचक ने कहा कि लिव इन में रहना अपवित्र है. उन्होंने कहा कि लड़का और लड़की अगर एक साथ रह रहे हैं, तो उन्हें साथ शादी करनी चाहिए.

कथावाचक ने कहा कि लड़का और लड़की अगर चरित्रवान होंगे तभी उनके संतान चरित्रवान होंगे और राष्ट्र का कल्याण करेंगे. कथावाचक ने कहा महिलाओं को चरित्रवान रहते हुए अंतरिक्ष में जाना चाहिए, पढ़ना चाहिए, सब करो लेकिन चरित्रवान रहो. इतने चरित्रवान रहो कि आप पर किसी की दृष्टि पड़े तो वह भस्म हो जाए.

उन्होंने कहा कि राम जैसा पुरुष और सीता जैसी स्त्री, जहां बोला जाता है, दोनों के लिए होता है. चरित्रवान पुरुष भी हो और स्त्री पतिव्रता हो. यह पूछे जाने पर कि क्या लिव इन के खिलाफ कानून आना चाहिए, अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि कोई भी पुरुष हो या स्त्री वह परायों से बचें, तभी पवित्र माना जाएगा. रावण ने पराई स्त्री को देखा तो उसका विनाश हुआ न.