मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में चंबल नदी तटवर्ती गांवों में कोहराम मचा रही है. गुरुवार सुबह 6 बजे के बाद मात्र 5 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी से जलस्तर 142.60 मीटर पर पहुंच गया, जिससे जिले के सबलगढ़, मुरैना, अम्बाह और पोरसा तहसील क्षेत्र के कई गांव पानी से घिर गए.
प्रशासन ने SDRF दल से रेस्क्यू कराकर आधा दर्जन गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. वहीं, एक दर्जन से अधिक गांव से लोगों को निकालकर सेफ हाउस में रखा गया है. ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीणों की भोजन व्यवस्था की जा रही है.
5 से 7 फीट ऊपर होकर निकल रहा नदी का पानी
वहीं, गांव में भरे हुए पानी से बच्चे अठखेलियां कर रहे हैं. युवा वर्ग अपने पशुओं को पानी से नहलाते दिख रहे हैं. दूसरी तरफ, चंबल के तेज बहाव में बह रही जलाऊ लकड़ी के लिये ग्रामीण युवा जान जोखिम में डालते दिख रहे हैं.
चंबल की बाढ़ से कई गांव के लोग परेशान दिख रहे हैं. चंबल की यह बाढ़ मध्य प्रदेश–राजस्थान सीमा पर हुई बारिश का परिणाम है. मुरैना के राजघाट पर पुराने पुल से लगभग 5 से 7 फीट ऊपर होकर नदी का पानी निकल रहा है.
औसत बारिश 706 मिमी के पार
इस वर्षाकाल के 60 दिवस में ही जिले की औसत बारिश 706 मिमी को पार करते हुए 708 मिमी बारिश अभी तक दर्ज की जा चुकी है. दोपहर 2:30 बजे, कोटा बैराज (राजस्थान) से 3 गेट 10–10 फुट खोलकर 35,000 क्यूसेक से अधिक पानी चंबल में छोड़ा जा रहा है.
इसका प्रभाव आगामी दिवस शाम तक चंबल में दिखाई देगा. महुआ थाना क्षेत्रान्तर्गत गढ़िया रायपुर, खुर्द रायपुर, खोह बीजला तथा नगरा थाने के भूप का पुरा, साहस का पुरा, काछीपुरा में चंबल का पानी आ गया. चंबल का पानी गांव व खेत में घुसने से खरीफ की फसल बर्बाद हो गई है.
घरेलू सामान का नुकसान
वहीं, जिन गांवों में पानी घर में घुस गया है, वहां घरेलू सामान का नुकसान हुआ है. रेस्क्यू करने के बाद ग्रामीणों को ग्राम पंचायत के माध्यम से भोजन व्यवस्था कराई जा रही है. जिले में घने बादलों के बीच हल्की धूप दिखाई दी, जिससे लोगों को उमस सहन करनी पड़ी.