(www.arya-tv.com) मानसून 31 मई या उससे पहले केरल में दस्तक दे सकता है। गुरुवार को मानसून की उत्तरी सीमा मालदीव, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर, दक्षिणी बंगाल की खाड़ी तक पहुंच गई है। केरल के तिरुवनंतपुरम तट से मानसून अब 100 किमी दूर है।
मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिन में मानसून केरल की ओर बढ़ने व लक्षद्वीप तक पहुंचने की उम्मीद है।
अंडमान-नीकोबार में पहले पहुंच गया मानसून
विभाग ने पहले कहा था कि मानसून 27 मई को केरल में दस्तक दे सकता है। वहीं, निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट ने मानसून के दस्तक की तारीख 26 मई बताई थी। अब मौसम विभाग का कहना है कि 31 मई या उससे पहले मानसून दस्तक दे सकता है। बदली परिस्थितियों में स्काईमेट ने कहा है कि मानसून सामान्य रहेगा, लेकिन धमाकेदार दस्तक की संभावना कम है।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि देश के बाकी हिस्सों में भी मानसून तय तारीख से तीन से चार दिन पहले या बाद में पहुंचेगा। बंगाल की खाड़ी में असानी तूफान आने के बाद इस बार अंडमान-नीकोबार द्वीप समूह में मानसून तय तिथि 22 मई से एक हफ्ते पहले 15 मई को पहुंच गया।
केरल में बना है बारिश का मौसम
मौसम एजेंसियों ने घोषणा की कि मानसून केरल में समय से पहले दस्तक देगा। लेकिन, बाद में न केवल असानी ने अपना रास्ता बदला, बल्कि मध्य व पूर्वी भारत में जिस तरह की प्री-मानसूनी बारिश की आशा की जा रही थी, वह भी नहीं हुई। केरल के कई हिस्सों मानसूनी बादल छाए हुए हैं।
35-40 दिन ही होगी बारिश
सीएसए के मौसम विभाग के प्रभारी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने कहा- हर साल की तरह इस बार भी बारिश होगी, लेकिन बारिश के दिन कम होंगे। उन्होंने कहा कि पहले बारिश 50-60 दिन होती थी। अब 35-40 दिन ही हो रही है। अब दिन में ही बहुत अधिक बारिश हो जाती है।
गर्मी से मिलेगी राहत
अगले 5 दिनों तक भीषण गर्मी से राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों के दौरान हुई छिटपुट बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में गर्मी बढ़ने की संभावना इसीलिए भी नहीं है, क्योंकि यहां पर हवाएं बंगाल की खाड़ी की तरफ से आ रही हैं।
महाराष्ट्र में कम होगी बारिश
जून में पहले 10 दिनों के दौरान महाराष्ट्र में ज्यादा बारिश नहीं होगी। राज्य में आधे जून तक संकट बना रहेगा। प्रदेश के तालाबों में पानी का स्टोरज बहुत कम है। फिलहाल पानी संकट को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा 401 टैंकरों से जगह-जगह पानी की सप्लाई की जा रही है।