केदारनाथ-बद्रीनाथ जाने से पहले पढ़ लें ये खबर, Kedarnath हाईवे पर सुरंग का एक ह‍िस्‍सा ध्वस्त, खतरनाक हुई अलकनंदा

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(www.arya-tv.com)  उत्तराखंड और केदारनाथ-बद्रीनाथ की यात्रा पर जाने से पहले लोग इस खबर को जरूर पढ़ लें। रुद्रप्रयाग में कल रात बारिश आफत बनकर बरसी। भारी बारिश से केदारनाथ हाईवे पर बनी सुरंग का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया है। सुरंग का आगे का हिस्सा ढहा है, जिससे सुरंग के बीच में बहुत बड़ा छेद हो गया है। इससे हाईवे से आवाजाही बंद कर दी गई है।

वहीं अलकनंदा नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। बेलनी पुल के नीचे शिव मूर्ति डूबी हुई है। घाट जल मग्न हो गए है। मकानों और इमारतों के गिरने का खतरा बना हुआ है। केदारनाथ धाम जाने वाले यात्री बाइपास मोटरमार्ग से आवाजाही कर रहे हैं। रात को हुई बारिश से शहर में कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति भी पैदा हो गई। आम जन जीवन प्रभावित हो गया है।

लोगों और टूरिस्टों से सतर्क रहने की अपील

बता दें कि रुद्रप्रयाग में केदारनाथ हाईवे पर लगभग 50 मीटर लंबी सुरंग बनी हुई है। कल रात हुई भारी बारिश से इस सुरंग का आगे वाला हिस्सा टूट गया। सुरंग के बीच में एक छेद भी हो गया। सुरंग को खोलने का कार्य जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से राहत कार्य में बाधा आ रही है। धाम में भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है। नदी खतरे के निशान तक पहुंच गई है।

उफान पर बह रही अलकनंदा नदी में कूड़ा खचरा और बड़े-बड़े पेड़ बहकर आ रहे हैं। रुद्रपयाग नगर पालिक के सभासद सुरेंद्र रावत ने कहा कि केदारघाटी के साथ केदारनाथ धाम को जोड़ने वाली संगम स्थित सुरंग बंद हो चुकी है। यहां पहाड़ी से मलबा और बड़े-बड़े पत्थर गिरने से सुरंग में बड़ा छेद हो चुका है और आवाजाही बंद है। नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। नदी किनारे बसे लोग और टूरिस्ट अलर्ट रहें।

उत्तराखंड में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी

मौसम विभाग के अनुसार, उत्तराखंड में मानसून की बारिश हो रही है और अगले 4 से 5 दिन भारी से भारी बारिश होने का रेड अलर्ट है। गढ़वाल और कुमाऊं में बीते दिन भी अच्छी बारिश हुई, जिससे बद्रीनाथ हाईवे पर भूस्खलन हुआ। करीब 5 घंटे हाईवे ब्लॉक रहा। अभी भी हाईवे पर मलबा और बड़े-बड़े पत्थर पड़े हुए हैं।

पिथौरागढ़ जिले में धारचूला के पास बने रोंगती पुल पर चट्टान दरकने से मलबा आकर गिरा। इससे चीन-तिब्बत बॉर्डर तक जाने वाली सड़क बंद हो गई है। मौसम विभाग ने चारधाम यात्रियों को सलाह दी है कि वे रेड अलर्ट रहने तक यात्रा न करें। जहां हैं, वहीं ठहर जाएं। टूरिस्ट भी उत्तराखंड आने से बचें।